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दिल्ली में खुले शराब के ठेकों के मुद्दे ने पंजाब चुनाव की आहट को भांपते हुए तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी से अलग हुए स्वराज अभियान ने केजरीवाल सरकार पर शराब माफिया को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया. स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि दिल्ली में खुले शराब के ठेकों पर किसी की राय नहीं ली गई. भूषण ने कहा कि विधायकों की भागीदारी से शराब के ठेके खुल रहे हैं.
'स्वराज अभियान से घबरा गए हैं केजरीवाल'
प्रशांत भूषण बोले कि कैंपेन से घबराकर केजरीवाल ने कहा है कि इस साल ठेके नहीं खुलेंगे और इस साल मतलब सिर्फ पंजाब चुनाव तक है. यानी पंजाब चुनाव के बाद में शराब के ठेके खोले जाएंगे. स्वराज अभियान टीम सदस्य अनुपम ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली को शराब में डुबोकर पंजाब को नशा मुक्त करने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार शराब के ठेकों पर अलग-अलग आरटीआई से अलग-अलग जवाब दे रहे
हैं. क्यों सही संख्या नहीं बता रहे कि कितनी शराब की दुकानें खुलीं?
'सरकार RTI का मजाक बना रही है'
स्वराज अभियान टीम सदस्य मुकेश ने बताया कि 3 महीने में शराब के ठेकों की अलग-अलग संख्या बताई गई. किसी जवाब में आया कि 72 ठेके खोले, दूसरे में 58, तीसरे में 124 और चौथे में 103 शराब के ठेके बताए गए.
उन्होंने कहा कि सरकार सूचना के अधिकार का मजाक बनी रही है. इस सवाल पर सरकार श्वेत पत्र लाए. स्वराज अभियान की तरफ से मांग की गई कि केजरीवाल सरकार दिल्ली वालों को कुल रेवेन्यू बताएं कि कितनी
कमाई शराब से हुई है.
स्वराज अभियान टीम सदस्य अनुपम ने आम आदमी पार्टी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मोहल्ला सभा, ग्राम सभा, स्वराज की बात करने वाली पार्टी शराब माफिया, रेस्टोरेंट माफिया के साथ जुड़ गई है. पूरा ब्यौरा पब्लिक वेबसाइट पर क्यों नहीं दिया जा रहा है कि कितने ठेके खुले? कितने लाइसेंस बांटे गए?
स्वराज अभियान ने मांग की कि शराब के ठेकों की पूरी जानकारी पब्लिक वेबसाइट पर दी जाए. 23 अगस्त को करावल नगर में जन सुनवाई करेंगे और कैंपेन चलाएंगे कि शराब के ठेके बंद हों.