
दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. दरअसल केजरीवाल ने आयोग के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें गोवा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को केजरीवाल के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए कहा गया था.
दिल्ली और गोवा में विधानसभा चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल द्वारा मतदाताओं से रिश्वत स्वीकार करने को लेकर दिए गए बयान को लेकर ही आयोग ने केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.
ज्ञात हो कि केजरीवाल ने चुनावों के दौरान मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि भले ही वह बीजेपी या कांग्रेस से रिश्वत ले लें , लेकिन वे वोट आम आदमी पार्टी को ही दें.
चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल के इस भाषण को नियमों का उल्लंघन तो माना ही था, साथ ही मतदाताओं को रिश्वत लेने के लिए उकसाने वाला भी माना था. केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में इसी आदेश को चुनौती दी है, जिस पर हाईकोर्ट में सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. चुनाव आयोग को 15 जनवरी, 2018 तक जवाब देने के लिए कहा गया है.
चुनाव आयोग का मानना था कि इस तरह रिश्वतखोरी को बढ़ावा देने वाले नेता के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व कानून और आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करने वाला है. आयोग ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि जनवरी में ही अरविंद केजरीवाल के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है. हालांकि अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने बताया कि उन्हें FIR से जुड़ी कोई जानकारी अब तक नहीं दी गई है.
कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग को FIR की कॉपी अरविंद केजरीवाल के वकीलों को देने का निर्देश दिया गया है. हालांकि जनवरी से अब तक FIR पर क्या हुआ है अभी साफ नहीं है. चुनाव आयोग में दरअसल पहले दिल्ली और गोवा में चुनावों के दौरान अरविंद केरीवाल के वोटरों को दिए इस भाषण पर वोटरों को गलत तरीके से लुभाने वाला पाया था.
उसके बाद ही चुनाव आयोग ने गोवा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को केजरीवाल के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था.