
बीजेपी ने असम में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. पार्टी ने इसके लिए यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) से गठबंधन कर लिया है. बस इसका ऐलान होना बाकी है. इस गठबंधन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असम यात्रा के दौरान होगी. वह 19 जनवरी को असम जाने वाले हैं.
ऐसे हुआ गठबंधन
गठबंधन की दिशा में पहला कदम 5 दिसंबर को उठाया गया था, जब मोदी और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के मुखिया हंगरामा मोहिलरी के बीच बैठक हुई थी. दिलचस्प है कि BPF की मौजूदा विधानसभा में 10 सीटें हैं और 2006 से 2014 तक यह कांग्रेस के साथ सरकार का हिस्सा थी. वहीं, UPF में 9 संगठन शामिल हैं. यह 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकता है.
फिर पुराना याराना
2016 का असम चुनाव असल में एक दूसरे के खिलाफ पुराने दोस्तों का पुनर्मिलन है. मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के करीबी रहे हेमंत बिस्व शर्मा अगस्त 2015 में ही बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी अबकी बार राज्य में 14 साल के कांग्रेस के शासन को चुनौती देने जा रही है. हेमंत ने ही मोहिलरी को मोदी से मिलवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. शर्मा 2006 और 2011 के चुनाव में कांग्रेस के मुख्य रणनीतिकार थे.
प्रशांत किशोर तक पहुंचे गोगोई
गोगोई ने मोदी और नीतीश कुमार के इलेक्शन मैनेजर रह चुके प्रशांत किशोर को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है. प्रशांत की पत्नी असम की हैं. गोगोई ही वह पहले शख्स थे, जो बिहार चुनाव में नीतीश की जीत के बाद प्रशांत के ससुराल पक्ष से मिले थे. उधर, बीजेपी ने प्रशांत के साथ छोड़ने के बाद उन्हीं के सहयोगी रहे रजत सेठी को अपने साथ मिला लिया है. सेठी 2014 के मोदी के प्रचार अभियान के दौरान प्रशांत के साथ थे.