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मोदी-शाह से मुलाकात करेंगे सोनोवाल, नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शनों पर होगी चर्चा

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल एक समूह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात में नागरिकता कानून पर राज्य में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर चर्चा की जाएगी.

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल (फाइल फोटो, क्रेडिट- फेसबुक) असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल (फाइल फोटो, क्रेडिट- फेसबुक)
aajtak.in
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  • 14 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

  • असम में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन
  • सर्वानंद सोनोवाल पीएम नरेंद्र मोदी से करेंगे मुलाकात

नागरिकता कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में हिंसा जारी है. इस कानून को लेकर असम में काफी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं अब असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल एक समूह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात में नागरिकता कानून पर राज्य में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर चर्चा की जाएगी.

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सीएम सोनोवाल के साथ-साथ असम  से आई एक टीम भी पीएम मोदी मुलाकात करेगी. गृह मंत्री अमित शाह असम में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर जल्द चर्चा कर सकते हैं. असम के संसदीय मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई मीटिंग के संबंध में असम के बीजेपी सांसदों और विधायकों को बता दिया गया है. यह टीम जल्द ही दोनों लोगों से मुलाकात करेगी.

इस मीटिंग में भी इस बात की चर्चा की गई जिसमें कहा गया कि राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखें. ऐसा लोगों से भी अपील की गई है. सोनोवाल ने ट्वीट किया कि उन्होंने असम में मंत्रिमंडल के सहयोगियों, केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली, सांसदों, विधायकों और असम बीजेपी के अध्यक्ष रणजीत कुमार दास के साथ गुवाहाटी में हुई बैठक में मौजूदा हालात पर चर्चा की गई.

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असम में स्कूल कॉलेज बंद

नागरिकता कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में हिंसा जारी है. नॉर्थ ईस्ट में इसका सबसे ज्यादा विरोध किया जा रहा है. वहीं असम में 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है. इसके अलावा स्कूल और कॉलेज भी बंद रहेंगे . असम में 16 दिसंबर से पहले इंटरनेट सेवाएं बाधित रहेंगी.

असम में नागरिकता कानून के विरोध में लोग हिंसक प्रदर्शन पर उतर आए थे. लोगों ने दुकानें जलाईं, बस में आगजनी के साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों को क्षति पहुंचाई. विरोध प्रदर्शन हिंसक होने के बाद पुलिस को मजबूरन लाठी चार्ज, आंसू गैस के गोले और हवाई फायरिंग करनी पड़ी. अन्य अर्धसैनिक बलों के साथ सेना की 26 टीमें तैनात हैं . असम राज्य में कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए कई जगहों पर भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

(PTI इनपुट के साथ)

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