
जनता परिवार के विलय में लगातार हो रही देरी के चलते जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है. दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपने पुराने सहयोगी नीतीश कुमार के साथ दोबारा हाथ मिलाने को तैयार नहीं है.
बीजेपी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मौजूदा मुख्यमंत्री के साथ मित्रता का कोई सवाल ही नहीं है. यहां तक कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ दूरियां पाटने की मुख्यमंत्री की कोशिशें भी असफल रही हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पटना में कहा कि नीतीश के साथ किसी भी तरह की मित्रता या गठबंधन का चैप्टर बंद हो चुका है. भले ही उन्होंने जनता की भावनाओं के साथ धोखा करने के बाद माफी मांग ली हो.
गौरतलब है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच 17 साल से चला आ रहा गठबंधन जून 2013 में टूट गया था. बीजेपी ने नीतीश पर धोखा देने का आरोप लगाया था.
उधर, बीजेपी राज्य में नीतीश कुमार के प्रतिद्वंदी दलों और जीतन राम मांझी के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार है ताकि महादलित वोटरों का भरोसा जीता जा सके.
बीजेपी के सहयोगी दलों ने भी एनडीए में नीतीश कुमार की वापसी का विरोध किया है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रेसिडेंट और यूनियन मिनिस्टर उपेन्द्र कुशवाहा ने ऐलान कर दिया है कि नीतीश कुमार के पार्ट वाले किसी भी यूनियन का वह हिस्सा नहीं होंगे.
2005 के राज्य विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार से अलग होने वाले कुशवाहा ने कहा, 'अगर नीतीश ने दोबारा एनडीए ज्वॉइन किया, तो वह अलग हो जाएंगे.'