
अगले महीने होने वाले कर्नाटक चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है और पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है. ज्यादातर पार्टियों ने अभी सभी उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए हैं. मगर चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने वाली तीन प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, बीजेपी और जनता दल सेकुलर ने अभी तक जिन लोगों को टिकट देकर मैदान में उतारा है उससे लगता है कि कर्नाटक की अगली विधानसभा में अपराधियों और करोड़पतियों की भरमार होने वाली है.
तीनों पार्टियों के ज्यादातर उम्मीदवार करोड़पति हैं, लेकिन सबसे चिंता की बात यह है कि तीनों पार्टियों ने जिन लोगों को टिकट दिया है उनमें से एक तिहाई ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
कांग्रेस सबसे आगेएसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स नाम की संस्था ने इन उम्मीदवारों के पृष्ठभूमि की जांच करके जो रिपोर्ट जारी की है, उसके अनुसार सबसे ज्यादा अपराधी छवि के उम्मीदवारों को कांग्रेस ने टिकट दिया है. कांग्रेस के 32% उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस ने अभी तक जिन 218 उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से 23 ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर मामलों में अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार भी कांग्रेस ने ही मैदान में उतारे हैं जिसके 91 प्रतिशत उम्मीदवारों ने करोड़पति होने की घोषणा की है. अगर सभी उम्मीदवारों के संपत्ति को जोड़कर देखा जाए तो कांग्रेस के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 28 करो रुपये से ऊपर है.
अपराधियों को टिकट देने के मामले में जनता दल सेक्युलर दूसरे नंबर पर है जिसके 126 अभी तक घोषित उम्मीदवारों में से 29% के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से नौ उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जेडीएस के 79 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं.
बीजेपी भी पीछे नहीं
अपराधी छवि के लोगों को टिकट देने में बीजेपी भी पीछे नहीं है. इसकी अभी तक घोषित 154 उम्मीदवारों में से 27% अपराधी छवि के हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 19 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं.
कर्नाटक की इन तीन प्रमुख पार्टियों को अगर जोड़कर देखा जाए तो स्थिति चिंताजनक लगती है क्योंकि तीनों पार्टियों ने जिन उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें से 16% ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज हैं.