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ऑस्ट्रेलियाई टीम के नए नवेले कप्तान स्टीव स्मिथ ने कप्तानी का भार दिए जाने के बाद कहा है कि उनका पहला लक्ष्य विदेशी पिच पर ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट सीरीज जीतना है. स्टीव स्मिथ ने कहा, ‘मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूं कि मुझे ऑस्ट्रेलियाई वनडे और टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है. मुझे पता है कि यह बहुत ही ज्यादा उम्मीदों और अत्यधिक जिम्मेदारी का काम है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अब इसकी आधिकारिक घोषणा हो चुकी है और मैं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के नए युग में ले जाने के लिए आशान्वित हूं. मुझे उप कप्तान के रूप में डेविड वार्नर के समर्थन पाने का भी गर्व है. मैं उनके साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूं. हम एक दूसरे को लंबे समय से जानते हैं. टीम को एक साथ नेतृत्व देने का सुअवसर प्राप्त हुआ है. मैं उत्साहित हूं.’
उन्होंने कहा, ‘माइकल क्लार्क की घोषणा की वजह से यह बदलाव समय से पहले हो गया. लेकिन ऐसा होने का बावजूद मैं निश्चित रूप से इस कार्यभार के लिए तैयार हूं. मुझे पता है कि ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी वाले क्रिकेटरों के क्लब में शामिल होना बेहद खास है. अब तक केवल 45 क्रिकेटरों को यह मौका मिला है और मैं उनमें से एक हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि मैं महान कप्तानों की विरासत को बनाए रखने में सफल होऊंगा.’
माइकल क्लार्क की अनुपस्थिति में टीम की कप्तानी कर चुके स्मिथ ने कहा, ‘मैं पिछली गर्मियों में इसका स्वाद चख चुका हूं लेकिन तब मैं स्टैंड-इन कप्तान था और माइकल की वापसी तक के लिए कप्तान था. हां इसकी वजह से मुझे जरूर कप्तानी के गुर सीखने का मौका मिला. अब जबकि मुझे कप्तान बना दिया गया है मैं जल्द ही इसकी जिम्मेदारियों को सीख लूंगा.’
स्मिथ ने इसके साथ ही अपने इरादे और लक्ष्य जाहिर किए. उन्होंने कहा, ‘एशेज में हार के बाद मेरा पहला लक्ष्य विदेशी पिचों पर सीरीज जीतने का है. यह मेरे एजेंडे में सबसे ऊपर है. यह वो है जो हम पहले करते रहे हैं लेकिन पिछले कुछ समय से नहीं कर पा रहे हैं.’
जीत के लिए लड़ा देंगे जान
स्मिथ की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम विदेशी पिचों पर पहली बार बांग्लादेश के खिलाफ खेलने उतरेगी. उन्होंने कहा, ‘मैच कहीं भी और किसी के भी खिलाफ हो, हम जीत के लिए एक यूनिट के रूप में खेलेंगे. इंग्लैंड का दौरा टीम के लिए और हमारे प्रशंसकों के लिए बहुत ही निराशाजनक रहा. हम एशेज हार गए. लेकिन इससे भी ज्यादा निराशाजनक यह रहा कि हमने अपनी ताकत से कमजोर प्रदर्शन किया जबकि इंग्लैंड की टीम बेहतरीन खेली.'
हमसे बेहतर थे अंग्रेज
उनहोंने इंग्लिश क्रिकेटरों की तारीफ करते हुए कहा, ' उन्होंने पिछले दो टेस्ट में हमें दबाव में डालने के बाद उससे बाहर निकलने नहीं दिया. यहां आने से पहले और इस दौरान भी मैं ये कहता रहा हूं कि अगर हम क्षमता के अनुरूप खेले तो इंग्लैंड हमारे आगे नहीं टिक सकेगा. और मुझे लगता है कि मैं बहुत हद तक सही था क्योंकि वो हमसे कहीं अधिक बेहतर खेले और हमसे कोसों आगे रहे. इसका मतलब है कि हमें अगली बार एक बल्लेबाज और गेंदबाज के रूप में जल्द से जल्द यहां के कंडीशन में ढलना होगा.’