
अयोध्या मामले में हिन्दू पक्षकारों के विरोध के बाद अब मुस्लिम पक्ष ने हलफनामे के जरिए मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अपना नोट दाखिल किया है.
नोट में कहा गया है कि कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वो देश के भविष्य और आने वाली पीढ़ियों की सोच पर असर डालेगा. फैसला देश की आजादी और गणराज्य के बाद संवैधानिक मूल्यों में यकीन रखने वाले करोड़ों नागरिकों पर भी प्रभाव डालेगा.
इसमें लिखा है कि अब चूंकि फैसले की घड़ी आ पहुंची है तो कोर्ट फैसला देते समय सभी पक्षों की दलील, सबूत और दस्तावेजों के साथ इन प्रभावों का भी ध्यान रखे.
मुस्लिम पक्षकारों ने अपने नोट में उम्मीद जताई है कि मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ के जरिए भी कोर्ट इस महान देश के ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत का भी ध्यान रखेगा , ताकि हमारी सदियों पुरानी गौरवशाली साझी विरासत और बहुलतावादी सामंजस्य वादी संस्कृति बनी रहे.
वहीं नोट के आखिर में यह भी कहा गया है कि मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के जरिए हमारा संविधान इन्हीं मूल्यों को बचाए और बनाए रखने की जिम्मेदारी भी कोर्ट को ही सौंपता है.