
अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर राम मंदिर मिशन पर हैं..हिंदू मुस्लिम पक्षकारों से बात कर रहे हैं और यहां तक कह रहे हैं कि आपसी सहमति से मंदिर बनाने की कोशिशों के लिए वे 100 बार फेल होने को भी तैयार हैं. लेकिन श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता की कोशिशों के खिलाफ हिंदू समुदाय से ही आवाज उठने लगी है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब हिंदू पक्षकार ही उनके प्रयासों पर पलीता लगा रहे हैं तो फिर मुस्लिम पक्षकार कैसे सहमत होंगे. मुस्लिम पक्षकार कहते हैं कि श्री श्री रविशंकर पहले हिंदू पक्षकारों को एकमत करें फिर मुस्लिम समुदाय के सामने समझौते का मॉडल पेश करें.
हिंदू पक्षकार हिंदू के ही खिलाफ लड़ रहे मुकदमा
बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर हैं. इनमें 8 मुस्लिम पक्षकारों की ओर से और 6 हिंदू पक्षकारों की तरफ से. जबकि दोनों समुदायों की ओर से 6-6 पक्षकार हैं. मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दायर अपील सभी हिंदू पक्षकारों के खिलाफ है, तो वहीं हिंदू पक्षकारों की अपील ज्यादातर हिंदू पक्षकारों के खिलाफ हैं.
हिंदू महासभा बनाम रामलला विराजमान
सुप्रीम कोर्ट में दायर हिंदू पक्षकारों की अपील को देखते हैं तो अखिल भारतीय हिंदू महासभा टीआर. के. तिवारी ने भगवान रामलला विराजमान और अन्य के खिलाफ अपील दायर कर रखी है. निर्मोही अखाड़े ने राजेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ अपील दायर कर रखी है.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा स्वामी ने भगवान श्री रामलला विराजमान के खिलाफ अपील दायर की है. भगवान श्रीरामलला विराजमान और अन्य बनाम राजेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ ही मुकदमा दायर किए हुए हैं. अखिल भारतीय श्रीराम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति संयोजक बनाम राजेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ अपील दायर है.
रविशंकर पहले अपनों को एकमत करें फिर करेंगे बात: खालिक
अयोध्या मामले में अपीलकर्ता मौलाना महफुजुर्ह रहमान के नामित खालिक अहमद खान ने आजतक से बात करते कहा कि श्रीश्री रविशंकर पहले हिंदू पक्षकारों को एकमत करें, फिर मुस्लिम समुदाय से बात करें. हिंदू पक्षकार ही उनकी बातों से सहमत नहीं हैं और श्री श्री रविशंकर के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. ऐसे में मुस्लिम समुदाय उनकी बातें क्यों और कैसे मानें?
श्री श्री रविशंकर की कोशिशों के बीच अयोध्या के संत समाज के बीच घमासान मचा हुआ है. निर्मोही अखाड़े ने जहां विश्व हिंदू परिषद पर राम मंदिर के नाम पर घोटाला करने का आरोप लगाया है, वहीं राम मंदिर आंदोलन से प्रमुखता से जुड़े रहे राम विलास वेदांती ने श्री श्री रविशंकर पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिकने वाले समझौता नहीं करा सकते हैं.
श्रीश्री अपने संपत्ति और पैसा बचाने के लिए राममंदिर मुद्दे में कूदे: वेदांती
वेदांती ने कहा- 'श्री श्री कौन होते हैं मध्यस्थता के लिए. उन्होंने कहा- लाठियां खाईं हमने, जेल गए हम और कहां से बीच आ गए रविशंकर. उन्होंने कहा, ‘मैं 25-35 बार जेल गया. मुझे घर में नजरबंद रखा गया. मैंने प्रताड़ना और गोलियों का सामना किया.
वदांती ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर कभी भी राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े ही नहीं रहे और 'जिसने आज तक रामलला के दर्शन नहीं किये हैं, वह मध्यस्थता कैसे कर सकते हैं. वेदांती ने कहा- उन्हें अपना एनजीओ चलाना चाहिए और विदेशी चंदे को जमा करना चाहिए. मेरा मानना है कि श्री श्री ने काफी धन इकट्ठा कर रखा है और इसकी जांच से बचने के लिए वह राम मंदिर के मुद्दे पर कूद पड़े हैं.'
राम के नाम पर वीएचपी पैसा खा गया- निर्मोही अखाड़ा
निर्मोही अखाड़े के सदस्य सीताराम ने आरोप लगाया कि वीएचपी ने राम मंदिर के नाम पर 1400 करोड़ का घोटाला किया है. उन्होंने आजतक से कहा- 1400 करोड़ रुपये खा गए वीएचपी के लोग, हम लोग राम जी के पुत्र हैं, सेवक हैं, हमें कभी भी पैसे की पेशकश नहीं हुई. पैसे खाकर तो नेता लोग बैठे हैं.' सीताराम ने कहा कि वीएचपी ने घर-घर घूम कर एक-एक ईंट मांगी, पैसा जमा किया और फिर इस पैसे को खा गए.
हिंदू महासभा से स्वकृति से पहले बात करना बेकार: जिलानी
बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि श्री श्री रविशंकर समझौते का मॉडल पेश करें और उसे हिंदू महासभा की हामी भराएं फिर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से बात करें. इससे पहले कोई बात करना बेकार है.