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अयोध्या पर फैसले के बाद साधु-संतों की नई मांग, फिलहाल बने अस्थायी मंदिर

अयोध्या पर फैसले के बाद अब रामलला को लेकर साधु संतों के बीच एक नई मांग उठने लगी है. अब जब फैसला राम मंदिर के पक्ष में आ चुका है तो कई संतों ने मांग की है कि जब तक भव्य मंदिर का निर्माण नहीं होता तब तक अस्थायी मंदिर बनवाया जाए.

अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का मॉडल अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का मॉडल
कुमार अभिषेक
  • अयोध्या,
  • 11 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

  • अयोध्या में विवादित जमीन पर रामलला का हक
  • कोर्ट के फैसले से राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ

अयोध्या पर फैसले के बाद अब रामलला को लेकर साधु संतों के बीच एक नई मांग उठने लगी है. संतों ने कहा है कि अब जब सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुना चुका है तो भव्य मंदिर निर्माण से पहले फिलहाल रामलला के टेंट को व्यवस्थित किया जाए. नए कपड़े बनाए जाएं. साधु-संतों ने मांग उठाई है कि जब तक भव्य राम मंदिर नहीं बनता तब तक छोटा-मोटा अस्थायी मंदिर बनवाया.

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हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा है कि यह काम जल्द किया जाए क्योंकि सालों से रामलला टेंट में हैं और अब मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. ऐसे में मंदिर निर्माण में लगने वाले वक्त तक लोग एक सुव्यवस्थित रामलला के दर्शन कर सकें.

राम मंदिर स्थल पर दर्शन करने पहुचें लोग

अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद रविवार को जहां शांतिपूर्ण माहौल रहा वहीं राम भक्त अब 'विवादित स्थल' नहीं रहे अस्थायी राम मंदिर के दर्शन करने पहुंचे. बता दें कि अयोध्या शहर में रविवार को भी प्रतिबंध और धारा 144 लागू रही. सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने पूरी तलाशी लेने के बाद ही लोगों को शहर में प्रवेश की इजाजत दी.

रामलला के मुख्य संत की सुरक्षा बढ़ाई गई

अयोध्या विवाद पर फैसला आने के बाद देश में सुरक्षा के मद्देनजर काफी एहतियात बरती जा रही है. फैसला आने के एक दिन बाद यानी रविवार को रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के घर की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है.

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महंत सत्येंद्र दास के घर के महंत सत्येंद्र दास के घर के बाहर दर्जनभर से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. अयोध्या में अन्य प्रमुख संतों की सुरक्षा में बढ़ोतरी की गई है.

राम मंदिर निर्माण के लिए बनेगा ट्रस्ट

अयोध्या विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन तक लगातार चली सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला सुनाया गया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया जबकि रामलला का हक माना गया. साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया है. वहीं कोर्ट के आदेश के अनुसार राम मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाना होगा.

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