
बांग्लादेश के युद्धअपराधी मतिउर रहमान निजामी को मंगलवार देर रात फांसी दे दी गई. निजामी पर 1971 में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई के समय मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप था.
जमात-ए-इस्लामी के सर्वोच्च नेता निजामी को ढाका की सेंट्रल जेल में सूली पर लटकाया गया. 'इंडिया टुडे' को बांग्लादेश के गृहमंत्री असद्दुजमान खान ने इसकी जानकारी दी.
निजामी ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने से इनकार कर दिया था. बांग्लादेश गृहमंत्री के मुताबिक निजामी से कहा गया था कि अगर वह राष्ट्रपति के पास दया याचिका देकर अपने गुनाह कबूल कर ले तो उसकी मौत की सजा माफ हो सकती है लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. इसके बाद बांग्लादेश सरकार ने उसे निजामी को फांसी दी. इससे पहले ही जेल के आस-पास सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी. निजामी 2010 से कानूनी लड़ाई लड़ रहा था.
इन अपराधों का आरोपी था निजामी
- अपराधिक षड्यंत्र, 450 लोगों की हत्या, 30-40 महिलाओं का बलात्कार, हिंदुओं को वापस भेजना.
- बुद्धिजीवियों, प्रोफेशनल्स का अपहरण, टॉर्चर और हत्या करने का आरोप.