Advertisement

चार साल बाद इस विवाद को याद कर इमोशनल हुए ब्रावो, ये था मामला

अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके ब्रावो ने अनुबंध विवाद की याद ताजा की. तब बीसीसीआई ने नुकसान की भरपाई की पेशकश की थी.

धर्मशाला में इंडीज टीम (फाइल) धर्मशाला में इंडीज टीम (फाइल)
विश्व मोहन मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

पूर्व हरफनमौला ड्वेन ब्रावो ने चार साल बाद अनुबंध विवाद की याद ताजा की है. उन्होंने कहा कि 2014 में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ अनुबंध विवाद के कारण जब उनके खिलाड़ियों ने भारत में वनडे सीरीज नहीं खेलने की धमकी दे डाली थी, तो बीसीसीआई ने उन्हें भुगतान की पेशकश की थी.

उन्होंने कहा कि उस समय बीसीसीआई अध्यक्ष रहे एन श्रीनिवासन ने उनकी टीम को पहला वनडे खेलने के लिए मनाया था. इसके बाद धर्मशाला में चौथे वनडे के बीच में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआई को बताया कि खिलाड़ियों के साथ अनुबंध विवाद के कारण उन्होंने दौरे का बाकी हिस्सा रद्द करने का फैसला किया है.

Advertisement

ब्रावो ने कहा कि बीसीसीआई ने उनकी समस्याओं को समझा. उन्होंने ‘आई 955 एफएम’ से कहा,‘ वे हमारी बात समझे और उनका रुख सहयोगात्मक था. उन्होंने हमें नुकसान की भरपाई की भी पेशकश की. हम नहीं चाहते थे कि बीसीसीआई हमें भुगतान करे. हम चाहते थे कि हमारा बोर्ड इस विवाद का हल निकाले.’

उन्होंने कहा ,‘बीसीसीआई का रुख काफी सहयोगात्मक था और यही वजह है कि बिना किसी गंभीर समस्या के हम खेल सके.’ अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके ब्रावो ने कहा ,‘मुझे अच्छी तरह से याद है कि हम पहला मैच भी नहीं खेलने वाले थे. सुबह तीन बजे मुझे बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का संदेश आया कि ‘प्लीज मैदान पर उतरिएगा.’

ब्रावो ने कहा ,‘मैंने उनकी बात सुनी और छह बजे टीम से कहा कि हमें खेलना होगा. कोई भी खेलना नहीं चाहता था. सभी को लगा कि मैं डर गया हूं, लेकिन हमने सामूहिक रूप से खेलने का फैसला लिया.’ ब्रावो ने कहा ,‘ हमने चारों मैच खेले. चौथे मैच में पूरी टीम टॉस के लिए साथ उतरी थी. हम संदेश देना चाहते थे कि हमारे बोर्ड में जो कुछ हो रहा है, हम उससे खुश नहीं है.’

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement