
दो दिन पहले खबर आई जिसके अनुसार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लगभग पांच ऐसे स्टॉक हैं जिनकी कीमत दिसंबर 2006 से अब तक 10 हजार से 91 हजार फीसदी बढ़ गई है. यह एक विश्लेषण से पता चला है. इनमें से सबसे ज्यादा जिस कंपनी के स्टॉक में इजाफा हुआ उसकी कीमत 10 साल पहले महज 1.30 रुपये थी जो 90,677 फीसदी चढ़ कर इस महीने की पांच तारीख को 1180 रुपये पर पहुंच गई. यानी अगर तब किसी ने उस स्टॉक में मात्र 10 हजार रुपये लगाए होते तो आज उसकी कीमत करीब 90.77 लाख रुपये की होती.
क्या है ये स्टॉक मार्केट?
आज देश का युवा वर्ग शेयर मार्केट से बहुत हद तक परिचित है. आम भाषा में शेयर मार्केट वो जगह है जहां देश की कई बड़ी कंपनियां लिस्टेड हैं और वहां स्टॉक और बॉन्ड खरीदे और बेचे जाते हैं. कंपनियां नए उत्पादों के निर्माण, वर्तमान उत्पादों की क्वालिटी बेहतर करने, नए कर्मचारियों की बहाली, अपनी बिल्डिंग के आधुनिकीकरण और चीजों के निर्माण में बेहतर रिसर्च के लिए बाजार से पैसे उठाने के उद्देश्य से स्टॉक बेचती हैं. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक हैं. सेंसेक्स को बीएसई भी कहते हैं. यह 30 बड़ी और आर्थिक रूप से समृद्ध कंपनियों का सूचकांक है. उसी तरह निफ्टी 50 मुख्य कंपनियों की सूचकांक है.
25 साल में 10 हजार बने दो करोड़ रुपये
हालांकि यह बाजार जोखिम भरा है लेकिन पिछले 10 सालों में एक फॉर्मा कंपनी के स्टॉक 19,057 फीसदी बढ़ गए तो फूड्स कंपनी के स्टॉक जो 2007 में महज 25 रुपये थे अब 1600 रुपये के हो गए. यानी तब उस कंपनी में एक लाख लगाने वाले आज 64 लाख रुपये निकालते. इसी तरह 1991 में जिस मद्रास रबड़ फैक्ट्री के स्टॉक की कीमत महज 25 रुपये थी वो 25 सालों में 51,269 यानी 2050 गुना बढ़ गया. अगर तब किसी ने इस कंपनी में महज 10 हजार रुपये लगाए होते तो वो आज 2 करोड़ 5 लाख रुपये में बदल गया होता.
पांच साल में 25 गुना फायदा
कुछ और भी रिसर्च हैं. पांच साल पहले अगर आप एक लाख रुपये इंडो काउंट में लगाए होते तो आज नोटबंदी के बाद गिरे मार्केट के बावजूद 25 लाख रुपये हो गए होते. नोटबंदी से पहले इतने ही पैसों की कीमत 80 लाख रुपये थी. 3 फरवरी 2012 को अगर इतने ही पैसे (एक लाख रुपये) अवंती फीड्स में लगाए गए होते तो वो 9 अक्टूबर 2015 को 34 लाख हो जाते जबकि 8के माइल्स में यह 62 लाख रुपये हो गए होते. इसी प्रकार दिसंबर 2008 में बजाज फाइनेंस में लगाया गया एक लाख रुपया भी आज 20 लाख रुपये में बदल गया है.
एक हजार के निवेश की कीमत आज 2 लाख रुपये
3 अप्रैल 1979 को सेंसेक्स में किया गया पांच लाख रुपये का निवेश 1 अप्रैल 2016 को 10.19 करोड़ रुपये हो गया. 37 सालों में 200 फीसदी की बढ़त एक सच्चाई और वास्तविक ऐतिहासिक आंकड़ा भी है. कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि एक एल्गोरिथ्म को अपनाकर शेयर मार्केट से हर महीने 60-70 हजार रुपये कमाए जा सकते हैं लेकिन इसके लिए करीब 20-25 लाख रुपये लगाने होंगे. तो कुछ का कहना है कि शेयर मार्केट की सब्जेक्ट टू हाई रिस्क यानी यह बाजार भारी जोखिम भरा है.
हम भी यही कहेंगे कि उपरोक्त बताए गए सभी मानकों और गढ़े गए प्रतिमानों के बावजूद शेयर मार्केट में व्यापार या निवेश तभी करें जब आप जोखिम से खेलना चाहते हैं अन्यथा नहीं.