दिल्ली के केरल भवन में बीफ पर हंगामा, सड़कों पर उतरे सांसद, CM ने PM को लिखा खत
दिल्ली स्थित केरल भवन में बीफ परोसने की अफवाह के बाद राजनीतिक माहौल गरमाता दिख रहा है. सोमवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की ओर से जांच किए किए जाने के बाद कैंटीन के मेन्यू से बीफ करी का ऑप्शन हटा दिया गया है.
दिल्ली स्थित केरल भवन में बीफ परोसने की अफवाह के बाद राजनीतिक माहौल गरमाता दिख रहा है. सोमवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की ओर से जांच किए किए जाने के बाद कैंटीन के मेन्यू से बीफ करी का ऑप्शन हटा दिया गया है. वहीं केरल के मुख्यमंत्री ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताई है. तो वहीं, केजरीवाल ने इसे गलत ठहराते हुए पुलिस को बीजेपी सेना करार दिया है.
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दोपहर बाद केरल के सांसदों ने केरल भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. इस मामले पर केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने प्रधानमंत्री मोदी को भी खत लिखा है. केरल भवन कीकैंटीन में बीफ खिलाए जाने को लेकर हिंदू सेना के नेता विष्णु गुप्ता ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की थी. शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस के 20 अधिकारियों ने मौके पर जाकर आरोपों की जांच की थी.
पुलिस ने कहा- फोन पर मिली थी सूचना
पुलिस के मुताबिक, उनके पास शाम करीब सवा चार बजे फोन कॉल के जरिए शिकायत दर्ज कराई गई. फोन करने वाले ने खुद को हिंदू सेना का नेता बताया था. किसी भी तरह कीअनहोनी होने से पहले ही पुलिस सतर्क हो गई और तत्काल केरल भवन पहुंच गई. नई दिल्ली के डीसीपी जतिन नरवाल ने बताया कि पुलिस कानून व्यवस्था बरकरार रखने के उद्देश्य से वहां गई थी ताकि किसी तरह की गुंडागर्दी होने से रोकी जा सके.
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केरल के CM ने जताई नाराजगी
इस संबंध में केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली पुलिस ने जो किया वह गलत है. अगर केरल भवन में बीफ खिलाए जाने की सूचना मिली थी, या शिकायत थी तो उसके लिए एक प्रक्रिया है जिसका पालन होना चाहिए था. दिल्ली पुलिस मनमानी कर रही है.
वहीं, कांग्रेस नेता टॉम वडक्कन ने कहा कि उन्होंने केरल हाउस में कई बार खाना खाया है और उन्हें कभी भी वहां बीफ सर्व नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस हिंदू सेना के इशारे पर मोरल पुलिसिंग कर रही है.
केजरीवाल ने भी पुलिस पर उठाए सवाल
बीफ मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निंदा की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा- मैं केरल के मुख्यमंत्री के बयान से सहमत हूं. केरल भवन एक सरकारी जगह है कोई निजी होटल नहीं. दिल्ली पुलिस को केरल भवन में नहीं घुसना चाहिए था. यह एक निर्धारित स्ट्रक्चर पर हमला है. पुलिस बीजेपी सेना की तरह काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि क्या दिल्ली की पुलिस क्या किसी भी राज्य भवन में घुसकर किसी भी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर सकती है अगर उन्हें यह सूचना मिले कि वह कुछ ऐसा खा रहे हैं जो बीजेपी या मोदी को पसंद नहीं है.
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बीजेपी के दबाव में छापेमारी'
सीपीआई नेता वृंदा करात ने कहा कि दिल्ली में किसी भी तरह से बीफ पर बैन नहीं है, ऐसे में बीजेपी के दबाव में आकर केरल भवन में की गई छापेमारी गलत है.
पुलिस कमिश्नर ने खारिज किए आरोप
वहीं, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने केरल भवन में किसी भी तरह की छापेमारी नहीं की है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने जो भी एक्शन लिया है वह सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस की कार्रवाई निर्धारित विशेष प्रक्रिया के तहत की गई थी.