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जिन्हें दुनिया मल्लिका-ए-गजल के नाम से याद करती है...

भारत और पाकिस्तान में समान रूप से सराही और सुनी जाने वाली मल्लिका-ए-गजल बेगम अख्तर साल 1974 में 30 अक्टूबर के रोज ही दुनिया को अलविदा कह गई थीं. नमन व श्रद्धांजलि...

Begum Akhtar Begum Akhtar
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 30 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 11:47 AM IST

दुनिया में वे तमाम लोग जो हिन्दी और उर्दू की समझ रखने के साथ-साथ मौसिकी का शौक रखते हैं. वे लोग बेगम अख्तर से नावाकिफ हों ऐसा हो ही नहीं सकता. उन्हें दुनिया गज़ल, ठुमरी और दादरी को एक नई पहचान देने के लिए याद करता है. इस मशहूर गायिका की मृत्यु साल 1974 में 30 अक्टूबर के दिन ही हुई थी.

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1. पैदाइश के बाद उन्हें अख्तरी बाई फैजाबादी का नाम मिला और बाद के दिनों में उन्हें लोग बेगम अख्तर और मल्लिका-ए-गज़ल के नाम से जाना गया.

2. उन्होंने महज 7 साल की उम्र में मौसिकी की तालीम लेनी शुरू की और 15 बरस की होने पर पहली पब्लिक परफॉर्मेंस दी. वह 400 गीतों को अपनी आवाज दे चुकी हैं.

3. 45 बरस की उम्र तक गज़ल गायन में सक्रिय रहीं.

4. उन्होंने रोटी फिल्म में एक्टिंग भी की. इस फिल्म के निर्माता महबूब खान थे. यह फिल्म उन्होंने साल 1942 में बनाई थी.

5. उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, पद्मश्री और पद्मभूषण से नवाजा गया.

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