
16 साल की साहिथी पिंगली ने इंटेल इंटरनेशनल साइंस एंड इंजिनियरिंग फेयर (ISEF) में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कॉलेज से पहले होने वाली काफी बड़ी प्रतियोगिता है. छात्रा ने न केवल इस प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया बल्कि इसे अर्थ और इंवायरमेंटल साइंस कैटेगरी में भी तीन स्पेशल अवार्ड भी दिए गए.
साहिथी ने वाटर बॉडी में पॉल्यूशन मॉनिटर करने के लिए एक ऐप बेस्ड सिस्टम तैयार किया था. उसने अपने बनाए ऐप से कलेक्ट किए गए डेटा के आधार पर 'एन इनोवेटिव क्राउडसोर्सिंग अप्रोच टू मॉनिटरिंग फ्रेशवॉटर बॉडिज' नाम से एक पेपर भी प्रेजेंट किया था. साहिथी का प्रेजेंटेशन इतना शानदार था कि मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के लिंकन लैबोरेटरी ने छात्रा के नाम पर एक छोटे ग्रह का नाम रखने का तय कर लिया. ये उभरते वैज्ञानिकों को ग्रहों को उनका नाम देकर प्रोत्साहित करते हैं.
मीडिया में दिए बयानों में साहिथी ने कहा कि, हमारी 90 फीसदी झीलें सीवेज से पटी हुई हैं और स्थिति तब और ज्यादा बदतर हो जाती है जब इसकी मॉनिटरिंग नहीं की जाती. हमारे शहर वाकई में खत्म होते जा रहे हैं. ये प्रदूषण से भरे हैं.
साहिथी यूएस में पैदा हुई थीं और 8 साल पहले ही भारत आई हैं. साहिथी तीन बहनों में सबसे बड़ी बहन है और इनके पिता IBM ग्लोबल में इंजीनियर हैं. ISEF में छात्रा ने दुनियाभर से आए 1700 अन्य प्रतिभागियों से प्रतियोगिता की थी. ये इंवेंचर एकेडेमी की स्टूडेंट हैं.