
नक्सलियों को अपने घर में शरण देने और उन्हें संरक्षण देने के आरोप में गिरफ्तार तिलकामांझी यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर को पुलिस ने रविवार देर शाम रिहा कर दिया है. प्रोफेसर विलक्षण रविदास समेत तीन लोगों की सुबह में गिरफ्तारी हुई थी. पुलिस ने उनसे करीब 10 घंटे पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया.
बता दें कि रविवार सुबह घनश्याम उर्फ घुमना नाम का नक्सली भागलपुर रेलवे स्टेशन की ओर जा रहा था. पुलिस ने घुमना के पास से नक्सली साहित्य और पिस्तौल के साथ मोबाईल भी बरामद किया है. पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार के निर्देशन में गठित टीम ने नक्सलियों के संरक्षक प्रोफेसर पर दबिश बनाई थी, जिसके बाद प्रोफेसर को उनके निजी घर से गिरफ्तार किया गया है.
नक्सली की निशानदेही पर गिरफ्तारी
पुलिस ने इस मामले में मुरारका कॉलेज, सुल्तानगंज के शिक्षक और पूर्व सीपीएमएल नेता कपिलदेव मंडल व उनके नाइट गार्ड अर्जुन पासवान को भी हिरासत में लिया है. आरोपी नक्सली की गिरफ्तारी के बाद पुलिस जांच में कई जानकारियां मिली हैं. पुलिस के मुताबिक नक्सली की निशानदेही पर ही कपिलदेव मंडल और अर्जुन पासवान को हिरासत में लिया गया है.
जानकाारी के मुताबिक, इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने प्रोफेसर रविदास के सराय चौक स्थित निजी घर की जांच की. गिरफ्तार नक्सली ने पुलिस को बताया तो प्रोफेसर ने कई बार नक्सलियों को अपने घर पर ठहराया है. पुलिस के मुताबिक 'व्हाइट हाउस' जो कि प्रोफेसर के घर का नाम है, वहां नक्सलियों को ठहराया जाता था. प्रोफेसर के घर से भी पुलिस ने भारी मात्रा में नक्सली साहित्य और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है. पुलिस यह मानकर चल रही है कि जितने सबूत प्रोफेसर के खिलाफ मिले हैं, वह साबित करते हैं कि उनका संबंध सीधे तौर पर नक्सलियों से था.