
गाजीपुर लैंडफिल साइट हादसे ने दिल्ली की बाकी लैंडफिल साइटों की ओर भी लोगों का ध्यान खींचा है. गाजीपुर के बाद अब नॉर्थ दिल्ली की भलस्वा लैंडफिल साइट पर विवाद होता दिख रहा है.
पूरी हो चुकी है भलस्वा लैंडफिल साइट की मियाद
नॉर्थ एमसीडी में कांग्रेस के नेता और पूर्व नेता विपक्ष मुकेश गोयल ने भलस्वा लैंडफिल साइट पर भी गाजीपुर जैसा हादसा होने की आशंका जताई है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि भलस्वा लैंडफिल साइट पर कूड़ा डालना बंद नहीं हुआ तो वो इसका विरोध करेंगे. मुकेश गोयल नॉर्थ एमसीडी के सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं जो रिकॉर्ड बार पार्षद का चुनाव जीत कर आए हैं. उनके मुताबिक गाजीपुर लैंडफिल साइट की तरह ही भलस्वा लैंडफिल साइट की मियाद भी पूरी हो चुकी है. एमसीडी उस पर लागातार कूड़ा डंप कर रही है, जिससे इसकी ऊंचाई भी लगातार बढ़ रही है. वहीं गाजीपुर जैसे हादसे का खतरा भी बढ़ गया है.
गाजीपुर जैसा हादसा होने की संभावना
आपको बता दें कि भलस्वा लैंडफिल साइट को बनाते वक्त इसकी ऊंचाई 20 मीटर तय की गई थी, लेकिन अब इसकी ऊंचाई लगभग 45 मीटर तक पहुंच चुकी है. भलस्वा लैंडफिल साइट पर गाजीपुर जैसा हादसा होने की इसलिए संभावना है क्योंकि इस लैंडफिल साइट के नीचे दो तरफ कॉलोनियां बस चुकी हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग रहते हैं. यदि कूड़े का पहाड़ खिसका तो नीचे बसी आबादी पर गिरने का खतरा है. इसके अलावा इस लैंडफिल साइट पर बार-बार आग लगने से जो प्रदूषण होता है उससे भी दिल्ली की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.
कई बार लग चुकी है आग
मुकेश गोयल के मुताबिक भलस्वा लैंडफिल साइट पर भी खतरनाक मीथेन गैस मौजूद हैं. जिसकी एक चिंगारी से भी यहां आग लग जाती है. पिछले साल गर्मियों के दौरान बार-बार आग लगने की घटनाओं के बाद इसपर काफी हंगामा भी हुआ था, लेकिन उसका कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जा सका. आपको बता दें कि नॉर्थ दिल्ली में रोज़ाना 3 हज़ार मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है जो भलस्वा लैंडफिल साइट और बवाना में बने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भेजा जाता है. नॉर्थ एमसीडी जहां बवाना में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता बढ़ाने जा रही है, तो वहीं भलस्वा में भी एक वेस्ट टू एनर्जी प्लांट प्रस्तावित है.