
भारतीय मूल के अमेरिकी पति-पत्नी भरत देसाई और नीरजा सेठी ने अपनी आईटी कंपनी सिंटेल को फ्रेंच कंपनी एटोस को बेच दिया है और यह डील हुई है 3.4 अरब डॉलर यानी 231.2 अरब रुपये में. इस कंपनी में दंपत्ति का 57 फीसदी हिस्सा था, जिसका मतलब ये है कि अब उन्हें कंपनी के पैसों से 2 अरब डॉलर यानी तकरीबन 136 अरब रुपये मिलेंगे.
बता दें कि देसाई का जन्म केन्या में हुआ और भारत में ही वो बड़े हुए. उसके बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और टीसीएस में प्रोग्रामर के रुप में नौकरी करने के लिए 1976 में अमेरिका चले गए.
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यहां काम करने के बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मिचीगान में एमबीए की पढ़ाई की. यहां उनकी सेठी से मुलाकात हुई और दोनों ने एक आईटी कंपनी खोली जबकि वे दोनों वहां पढ़ते रहे. उसके बाद देसाई और सेठी ने 1980 में सिंटेल की शुरुआत की. वे टीसीएस जैसी ही कंपनी बनाना चाहते थे.
हालांकि पहले कंपनी को खास फायदा नहीं हुआ और बाद में मुनाफा बढ़ता रहा. कहा जाता है कि दूसरी आईटी कंपनियों की तरह सिंटेल उतनी ग्रोथ नहीं कर पाई. इंफोसिस की शुरुआत सिंटेल के एक साल बाद हुई और उसका रेवेन्यू 10 अरब डॉलर से ऊपर है. ये सिंटेल से 10 गुना ज्यादा है.
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उसके बाद अमेरिका में लिस्टिंग के बाद कंपनी को ज्यादा फायदा हुआ और रैंक में उतार-चढ़ाव के साथ कंपनी आगे बढ़ती रही. पिछले साल कंपनी ने अच्छा फायदा किया था.बता दें कि देसाई ने 2013 में दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, 'मैं हमेशा से खुद का बिजनेस चाहता था क्योंकि किसी के नियमों में बंधकर नहीं रह सकता. मैंने महसूस किया कि भविष्य में आईटी इंडस्ट्री की तेजी से बढ़ेगी जिसका फायदा उठाया जा सकता है.'