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महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख्यमंत्री छगन भुजबल की मेडिकल रिपोर्ट बंद लिफाफे में बॉम्बे हाई कोर्ट में पेश किया गया. हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई के जेजे अस्पताल के 9 डॉक्टरों की टीम ने भुजबल की स्वास्थ्य की जांच की और फिर रिपोर्ट ईडी के जरिये शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष रखा गया.
मामले पर अगली सुनवाई 8 जून को
गठित मेडिकल टीम के मुताबिक भुजबल सरकारी डॉक्टरों द्वारा तैयार रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं, और वो इसके लिए प्राइवेट डॉक्टरों से जांच कराने के बाद रिपोर्ट तैयार करवाने चाहते हैं. दरअसल भुजबल ने गिरते सेहत का हवाला देकर हाई कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की है. अब रिपोर्ट देखने के बाद अदालत जमानत को लेकर अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले पर अब 8 जून को सुनवाई होगी.
आय से अधिक संपत्ति मामले में शिकंजा
वहीं एसीबी ने महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल और उनके परिवार के चार लोगों सहित 11 अन्य के खिलाफ आय के अधिक 203 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा करने के खिलाफ एक नया मामला दायर किया है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि एसीबी ने भुजबल के अलावा उनकी पत्नी मीना, बेटे पंकज, बहू विशाखा और भतीजे समीर को भी इस मामले में आरोपी बनाया है.
इसके अलावा प्राथमिकी में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट सुनील नाइक और चंद्रशेखर सरदा, हवाला कारोबारी सुरेश जजोदिया, भुजबल की कंपनियों के निदेशक प्रवीण कुमार जैन और जगदीश प्रसाद पुरोहित, वित्तीय सलाहकार संजीव जैन और स्नेहल कोओपरेटिव लिमिटेड के मुख्य प्रबंधन निदेशक कपिल पुरी को भी आरोपी बनाया गया है.
जांच के दौरान अवैध संपत्ति के मिले दस्तावेज
एसीबी को भुजबल के खिलाफ दो मामलों केंद्रीय पुस्तकालय भूमि घोटाले और महाराष्ट्र सदन घोटाले में धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार के कथित अपराधों की जांच के दौरान गैरकानूनी तरीके से अर्जित की गई संपत्ति का पता चला जिसके बाद ताजा प्राथमिकी दायर की गई. अधिकारी ने कहा कि एसीबी ने भुजबल के घरों और कार्यालयों की तलाशी ली थी और वहां से बरामद हुए दस्तावेजों से पता चला कि उनके पास मुंबई, पुणे, लोनावला और नासिक में कई जगहों पर संपत्तियां हैं.