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बिहार में शादी के लिए लेने होंगे 8 वचन, आठवीं शपथ है बेहद खास

2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सभी स्कूलों, कॉलेज, सरकारी दफ्तर में दहेज न लेने और न देने की शपथ दिलवाई. साथ में ये भी संदेश दिया कि जिस शादी में दहेज का लेन-देन हुआ है, वह उस शादी का बहिष्कार करेंगे.

शादी में शपथ पत्र देना होगा जरूरी शादी में शपथ पत्र देना होगा जरूरी
प्रज्ञा बाजपेयी/सुजीत झा
  • पटना,
  • 22 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 6:25 PM IST

बिहार में अगर शादी करनी है तो आपको पहले शपथ पत्र देना होगा. विवाह में सात वचन दिए जाते हैं लेकिन यह शपथ पत्र आठवां वचन होगा जिसमें लिखना होगा कि यह विवाह बाल विवाह नहीं है और इसमें दहेज का कोई लेन देन नहीं है. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत यह शपथ पत्र देना जरूरी होगा . हालांकि शपथ पत्र भरवाने का जिम्मा मैरेज हॉल के प्रबंधकों का होगा. बिना शपथ पत्र भरे मैरिज हॉल की बुकिंग नहीं हो सकती है.

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बिहार में बाल-विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान के तहत तरह-तरह के जन जागरण अभियान चलाए जा रहे हैं. इन प्रथाओं के खिलाफ कानून तो पहले से हैं लेकिन अब सरकार इस कानून को कारगर ढंग से लागू करने जा रही है. बिहार में आज भी 40 प्रतिशत बाल विवाह के मामले होते हैं और दहेज हत्या में इस राज्य का देश में दूसरा स्थान है.

2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के सभी स्कूलों, कॉलेज, सरकारी दफ्तर में दहेज न लेने और न देने की शपथ दिलवाई. साथ में ये भी संदेश दिया कि जिस शादी में दहेज का लेन-देन हुआ है, वह उस शादी का बहिष्कार करेंगे.

यह शपथ पत्र उसी का हिस्सा माना जा रहा है. यह शपथ पत्र मैरिज हॉल सामुदायिक भवन, होटल या ऐसे किसी भी सार्वजनिक जगहों पर हो रही शादी करते समय संबंधित संस्थान के संचालक के पास जमा करानी होगी. सरकार ये व्यवस्था भी करना चाहती है कि जिस दिन शादी हो, उसी दिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी दी जाए. इस दिशा में भी काम चल रहा है.

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