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कोरोना या चुनाव: बिहार में किससे डर रहे हैं तेजस्वी यादव?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी वर्चुअल रैली के जरिए चुनाव अभियान का आगाज कर दिया है. वहीं, महागठबंधन का संभावित चेहरा माने जाने वाले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कोरोना संक्रमण के बीच चुनाव कराने के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं बल्कि उसे टालना चाहते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि तेजस्वी की चिंता की वजह कोरोना है या चुनाव?

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव आरजेडी नेता तेजस्वी यादव
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 11:13 AM IST

  • तेजस्वी यादव कोरोना काल में चुनाव के पक्ष में नहीं
  • बिहार में कोरोना के 11 हजार से ज्यादा मामले हुए
  • एनडीए के मुकाबले महागठबंधन प्रचार में पीछे है

कोरोना संकट के बीच बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी वर्चुअल रैली के जरिए चुनाव अभियान का आगाज कर दिया है. वहीं, महागठबंधन का संभावित चेहरा माने जाने वाले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कोरोना संक्रमण के बीच चुनाव कराने के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं बल्कि उसे टालना चाहते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि तेजस्वी को कोरोना या फिर चुनाव किससे डर लग रहा है?

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तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि यह समय चुनाव का नहीं है. जहां पूरा बिहार कोरोना के कारण बदहाल है, ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव को लेकर क्यों परेशान हैं? मुख्यमंत्री चाहते हैं कि लाशों के ढेर पर बिहार विधानसभा सभा चुनाव हो. तेजस्वी ने सरकार पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि जुलाई महीने में जो हालात हैं इससे ज्यादा बदतर अगस्त और सितंबर महीने में होने वाले हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री को चुनाव से ज्यादा लोगों की फिक्र होनी चाहिए. करोना के ऐसे गंभीर समय में नीतीश कुमार चुनाव को लेकर जितने बेचैन हैं वह उनकी परेशानी को दिखाता है. नीतीश को डर है कहीं चुनाव राष्ट्रपति शासन में ना हो जाए और इसका नुकसान ना उठाना पड़ जाए.

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तेजस्वी ने जेडीयू की तरफ से की जा रही चुनावी तैयारी और वर्चुअल रैली पर भी तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि आप डिजिटल रैली कर रहे हैं जबकि लोगों का आज ठीक से इलाज तक नहीं हो पा रहा. मुख्यमंत्री आवास तक कोरोना की पहुंच है. ऐसी बीमारी जिससे पूरी दुनिया परेशान है उसे सरकार हल्के में ले रही है. बिहार में हालात विधानसभा चुनाव कराने लायक नहीं हैं.

तेजस्वी के विधानसभा चुनाव नहीं कराने के बयान पर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार को सड़क मुक्त और विकास रहित रखने वाली लालटेन पार्टी को यदि लोगों को संक्रमण से बचाने की चिंता होती तो वह वर्चुअल संवाद के विरोध में थाली न पीटती. जब चुनाव आयोग कोरोना काल में सुरक्षित तरीके से मतदान कराने की तैयारी कर रहा है और बुजुर्गों के साथ-साथ संक्रमितों के लिए पोस्टल बैलेट की व्यवस्था कर रहा है, तब आरजेडी चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है. सुशील मोदी ने कहा ने कहा कि जब अदालत लालू प्रसाद को जमानत न दे तो वे न्यायपालिका पर सवाल उठाते हैं और चुनाव हार जाएं तो ईवीएम को कोसते हैं। आरजेडी को क्या बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान पर भरोसा नहीं है?

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जेडीयू ने कहा कि चुनाव कराना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है. चुनाव आयोग जो तय करेगा उनकी पार्टी उसपर अमल करेगी. बीजेपी ने कहा कि दरअसल तेजस्वी यादव को कोरोना महामारी का डर नहीं है, बल्कि उन्हें जनता द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का डर है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि तेजस्वी चुनाव से डरे हुए हैं और चुनाव से भागना चाहते हैं. चुनाव कब कराना है चुनाव आयोग तय करेगा. उन्होंने तेजस्वी यादव को सलाह देते हुए कहा कि चुनाव आयोग के संबंध में बयानबाजी करने से पहले अनुभवी नेताओं से बातचीत करें.

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इसमें शक की कोई गुंजाइश नहीं कि बिहार में कोरोना का संक्रमण अनलॉक 1 के बाद तेजी से बढ़ा है. बुधवार की सुबह तक बिहार में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 11876 पर पहुंच गए हैं जबकि 95 लोगों की मौत भी चुकी है. हालांकि, 8765 लोग कोरोना से ठीक होकर घर जा चुके हैं. ऐसे में तेजस्वी यादव का कोरोना के संक्रमण को लेकर आशंकित होना स्वाभाविक है.

इसके अलावा बिहार में बीजेपी और जेडीयू जिस तरह से चुनावी मोड में उतर चुके हैं उस लिहाज से महागठबंधन के दल सियासी रण में सक्रिय नहीं नजर आ रहे हैं. वहीं, एनडीए में नीतीश कुमार के नाम पर सभी एकमत हैं, लेकिन महागठबंधन में अभी तक सहयोगी दलों के बीच एक नेता पर सहमति नहीं बन पायी है. तेजस्वी के नाम पर जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा राजी नहीं हैं और न ही सीट शेयरिंग को लेकर कोई फॉर्मूला तय हो सका है. इसके चलते चुनाव प्रचार अभियान में महागठबंधन पिछड़ता जा रहा है.

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हालांकि, पिछले दिनों निर्वाचन आयोग ने पटना में सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी दलों से चुनाव को लेकर राय-मशवरा भी किया था. इसमें आरजेडी से लेकर जेडीयू, कांग्रेस, बीजेपी सहित तमाम दल के नेता शामिल हुए थे. चुनाव आयोग के सामने आरजेडी की तरफ से चुनाव न कराए जाने को लेकर मांग या जिक्र नहीं किया गया था. ऐसे में तेजस्वी यादव का अब चुनाव नहीं कराने की बात करने के बाद सवाल उठने लगा है कि तेजस्वी यादव को कोरोना से या चुनाव से किससे डर लग रहा है?

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