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बिहार में कांग्रेस के साथ जुड़ेंगे प्रशांत किशोर? कांग्रेस से मिला ये जवाब

दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड बहुमत से चुनाव जीता है. उसे 70 में 62 सीटें मिली हैं, जबकि बीजेपी को मात्र 8 सीटें हासिल हुई हैं. मशहूर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आम आदमी पार्टी के प्रचार का प्रबंधन संभाला था. जीत के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि किशोर अब बिहार का रुख कर सकते हैं लेकिन कांग्रेस ने फिलहाल सिरे से इसे खारिज कर दिया है.

शक्ति सिंह गोहिल ने कहा- इस बारे में नहीं हुई बात (प्रशांत किशोर की फाइल फोटो-IANS) शक्ति सिंह गोहिल ने कहा- इस बारे में नहीं हुई बात (प्रशांत किशोर की फाइल फोटो-IANS)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 12 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST

  • AAP की हालिया जीत से सुर्खियों में प्रशांत किशोर
  • बिहार जाने की अटकलें, लेकिन कांग्रेस ने नकारा

दिल्ली के बाद बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला है. चुनाव से पहले बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल का कहना है कि प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए कांग्रेस को अप्रोच नहीं किया है. गोहिल का कहना है कि प्रशांत किशोर अगर अप्रोच करेंगे तो उन्हें जरूर प्रतिक्रिया दी जाएगी.

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दिल्ली चुनाव के नतीजे आने के बाद चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर सुर्खियों में हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी की ब्रांडिंग का प्रबंधन उन्होंने ही संभाला था. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि उनका अगला पड़ाव बिहार हो सकता है क्योंकि बिहार का चुनाव भी काफी प्रमुखता से लड़ा जाएगा. पार्टी सिद्धांतों से हटकर बयानबाजी के कारण बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने प्रशांत किशोर को अभी हाल में निष्कासित कर दिया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के लिए काम कर सकते हैं. बिहार में आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन है, लिहाजा दोनों पार्टियों से उनके संपर्क की अटकलें हैं. हालांकि शक्ति सिंह गोहिल ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है.

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बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होने की संभावना है, जहां पिछले चुनाव में प्रशांत किशोर और उनकी कंसल्टेंसी कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) ने मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अहम भूमिका निभाई थी. इसके साथ ही उन्होंने 2017 में पंजाब और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए, 2019 में पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए और 2019 में आंध्र प्रदेश में वाइएस जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआर कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान संभाली थी. इसे देखते हुए उनके अब बिहार जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं.

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इसके बाद प्रशांत किशोर ने आम आदमी के लिए दिल्ली चुनाव की रणनीति तैयार की थी, जिसमें उन्होंने केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में काम को दिखाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने खासकर स्कूलों के स्वीमिंग पुलों और मोहल्ला क्लीनिक पर ज्यादा ध्यान दिया. इसका फायदा आम आदमी पार्टी को मिला और उसने 70 में 62 सीटें जीतीं. वहीं बीजेपी महज 8 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला.

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