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बिहार प्रदेश के 2016 इंटरमीडिएट परीक्षा में होने वाली धांधली के बाद बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड (BSEB) ने खुद को डिजिटाइज करने का निर्णय लिया है. वे अब इस साल के कंपार्टमेंट परीक्षा देने वाले 1.5 लाख स्टूडेंट्स की जवाब पुस्तिकाओं का डिजिटल निरीक्षण करेंगे.
यह बिहार बोर्ड की ओर से पहली ऐसी मजबूत कोशिश दिखती है. इस विषय पर जांच कर रही स्पेशल टीम ने पाया कि इस वर्ष के तीनों टॉपरों ने परीक्षा खत्म होने के बाद अपनी कॉपियां लिखी थीं. इस वजह से ही वे इतने अधिक नंबर हासिल कर सके.
राज्य के बोर्ड ने इसके बाबत 2700 मूल्यांकनकर्ताओं को ट्रेनिंग दी है, ताकि वे डिजिटल प्रक्रिया को पूरी तरह समझ सकें. बिहार बोर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर कहते हैं कि सारी वास्तविक उत्तर पुस्तिकाएं स्कैन करने के बाद स्ट्रॉन्ग रूम में भेजी जाएंगी. मूल्यांकनकर्ताओं को एक आभासी उत्तर पुस्तिका और नंबर लिखने के लिए टैबुलेशन शीट मिलेगी. यदि कोई स्टूडेंट अधिक सवाल लिखने की कोशिश करेगा तो वे सवाल स्वत: ही कैंसिल हो जाएंगे.
बिहार बोर्ड के प्रवक्ता राजीव रंजन द्विवेदी कहते हैं कि कंपार्टमेंट परीक्षा में आने वाले परिणाम आगे की परीक्षाओं में की तैयारी का जायजा होंगे. वे पूरी परीक्षा प्रणाली को किस तरह डिजिटल कर सकते हैं.
152 स्कूलों की मान्यता हुई रद्द...
स्टेट बोर्ड ने अब तक 172 स्कूलों का निरीक्षण किया है और उनमें से 152 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है. इनमें से 12वीं स्तर के 5 ऐसे भी स्कूल हैं जिनपर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इसके अलावा बोर्ड 40 ऐसे स्कूलों से जवाब भी चाहता है जिन्हें रद्द किया गया है. साल 2014 से 2016 के बीच अब तक 212 स्कूल रडार पर हैं.