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बिहारः उपचुनाव के परिणाम से कोई मुगालते में न रहे- सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि लोकसभा की एक और विधान सभा की दो सीट निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की असामयिक मृत्यु से रिक्त हुई थी जिन पर उनके परिजन ही चुनाव लड़ रहे थे और जनता ने सहानुभूति में उन्हें शेष बचे कार्यकाल के लिए अपना वोट देकर विजयी बनाया है.

तेजस्वी यादव और सुशील मोदी तेजस्वी यादव और सुशील मोदी
सुजीत झा/वरुण शैलेश
  • पटना,
  • 14 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 9:15 PM IST

उपचुनाव के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा, 'मैं जनादेश का सम्मान करता हूं.' मोदी ने  विधान सभा की भभुआ सीट पर बीजेपी की रिंकी रानी पाण्डेय की जीत और अररिया लोकसभा व जहानाबाद विधान सभा उपचुनाव में आरजेडी उम्मीदवारों की जीत पर कहा कि इस उपचुनाव में जिसकी जो सीट थी वह उसके पास रह गई यानी यथास्थिति बरकरार रही है.

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मोदी ने कहा कि लोकसभा की एक और विधान सभा की दो सीट निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की असामयिक मृत्यु से रिक्त हुई थी जिन पर उनके परिजन ही चुनाव लड़ रहे थे और जनता ने सहानुभूति में उन्हें शेष बचे कार्यकाल के लिए अपना वोट देकर विजयी बनाया है.

सुशील मोदी ने कहा, यह जीत किसी नेता का कमाल नहीं है. आमतौर पर उपचुनाव स्थानीय मुद्दे और नेतृत्व के द्वारा लड़ा जाता है. अगर किसी नेता का कमाल होता तो फिर भभुआ सीट पर भी उसकी पार्टी या गठबंधन की ही जीत होती.

मोदी ने याद दिलाया कि 2009 के आम चुनाव में भारी बहुमत से बिहार की 32 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाले एनडीए को कुछ माह बाद हुए विधानसभा की 18 सीटों के उपचुनाव में 12 पर हार मिली थी और फिर 2010 के विधान सभा चुनाव में तीन चैथाई बहुमत से एनडीए की सरकार बन गई. इसलिए उपचुनाव के परिणाम के आधार पर कोई दल और उसके नेता अगर मुगलता पालते हैं तो यह उनकी भारी भूल और छलावा होगा.

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बता दें कि बिहार की एक अररिया लोकसभा के अलावा जहानाबाद और भभुआ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. तीन लोकसभा और दो विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने महज एक भभुआ विधानसभा सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी है. जबकि तीन लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा है.

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