
बिहार में प्रतिपक्ष के नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेने से कभी नहीं चूकते. उन्होंने नीतीश कुमार के नोटबंदी पर दिए गए बयान को शार्प यू-टर्न बताया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को मुद्दे को समझने में काफी वक्त लगता है और अगर वो अब नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला घोषित कर दें तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी.
बता दें कि नीतीश कुमार ने बैंकर्स समिति द्वारा आयोजित 64वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक में कहा था कि नोटबंदी के दौरान कुछ बैकों ने सही तरह अपनी भूमिका नहीं निभाई, जिसकी वजह से आम जनता का पैसा कहां से कहां पहुंच गया. उन्होंने कहा कि गरीबों से पैसा वसूल लिया जाता है, लेकिन ताकतवर लोगों का क्या जो ऋण लेकर गायब हो जाते हैं? उन्होंने कहा कि बैंकों की भूमिका के कारण नोटबंदी का लाभ लोगों को जितना मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिल पाया.
नीतीश कुमार ने कहा कि देश की प्रगति में बैंकों की बड़ी भूमिका है. बैंकों को सिर्फ जमा, निकासी एवं ऋण प्रदान करना ही कार्य नहीं है, बल्कि एक-एक योजना में बैंकों की भूमिका बढ़ गई है. बता दें कि नीतीश कुमार ने उस समय नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया था जब वो महागठबंधन के साथ थे.
नीतीश कुमार के इस बयान को तेजस्वी यादव ने नोटबंदी के खिलाफ बताया है. वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने नोटबंदी पर सवाल नहीं उठाए बल्कि उन्होंने कुछ बैकों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं.