
लगता है कि जेडीयू नेता और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के ट्वीट में दम है. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि बिहार में नया नागरिकता कानून (CAA) लागू नहीं होगा. प्रशांत किशोर ने यह बात कही, जबकि नए नागरिकता कानून (CAA) के मुद्दे पर जेडीयू ने संसद के दोनों सदनों में इस एक्ट का समर्थन किया.
हालांकि, सोमवार को विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से CAA, NRC और NPR पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की, तब नीतीश कुमार ने सीएए पर विधानसभा में चर्चा करने पर सहमत नजर आएं, लेकिन सवाल ये है कि जब सीएए पर संसद चर्चा कर चुकी है, तो फिर बिहार विधानसभा में चर्चा करने का क्या औचित्य है?
CAA-NPR को लेकर बिहार में अभी भ्रम
नीतीश कुमार ने सदन में फिर से एनआरसी पर अपना स्टैंड साफ करते हुए ये जरूर कहा कि बिहार में इसे लागू करने का सवाल नहीं है. हालांकि, एनपीआर को लेकर उनका संशय बरकरार रहा है. उन्होंने कहा कि एनपीआर में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं. उसका अध्ययन करने के बाद ही वो कुछ बोलेंगे. साफ है सीएए और एनपीआर को लेकर बिहार में अभी भ्रम की स्थिति है.
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में कहा कि बिहार में सीएए लागू नहीं होगा, तो उसी दिन उन्हीं के पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि सीएए के मामले को लेकर कुछ लोग भ्रम की स्थिति बना रहे हैं. हालांकि, प्रशांत किशोर का पहले कहना था कि सीएए एनआरसी के साथ खतरनाक है, लेकिन अब उन्हें लगता है कि अकेले सीएए लागू करने का कोई मतलब नही हैं.
बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा: सीएम
प्रशांत किशोर का तर्क है कि जब तक एनआरसी नहीं होगा तब तक कैसे पता चलेगा कि कौन शरणार्थी और कौन घुसपैठिया है. ऐसे में सीएए का क्या औचित्य है और यही वजह है कि उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि बिहार में सीएए लागू नहीं होगा.
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सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सदन में दिए गए बयान से लगने लगा है कि प्रशांत किशोर के ट्वीट में कुछ दम तो है. नीतीश कुमार ने साफ कहा कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा. प्रशांत किशोर के मुताबिक, जब एनआरसी लागू नहीं होगा तो फिर सीएए कैसे लागू हो सकता है.
हालांकि, प्रशांत किशोर के इस फार्मूले से प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव बिल्कुल सहमत नहीं है. उनका कहना है कि पीके प्रोफेशनल हैं, उनको अपना बिजनेस बढ़ाना है, सीएए और एनआरसी को लेकर ऐसी डील नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पीके को उनकी पार्टी ही सीरियसली नहीं लेती है.
NPR पर बिहार सरकार सितंबर में ही अधिसूचना जारी कर चुकी है कि मई 20 से इस पर काम शुरू होना है. लेकिन नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि एनपीआर में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं उसका अध्ययन करने के बाद ही उस पर कुछ कहेंगे. उन्होंने कहा कि अभी वो बिहार में चल रहे जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के अंतर्गत होने वाले मानव श्रृंखला को लेकर व्यस्त हैं, 19 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम के बाद ही इस पर कुछ कहेंगे.