
जय और पराजय के बीच दो दिन का फासला है. महागठबंधन और एनडीए को राज्य की जनता उलझाए या न उलझाए लेकिन एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों ने पूरी तरह उलझाकर रख दिया है. एनडीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर तो महागठबंधन में मंत्रीपद पर घमासान जारी है. चूंकि महागठबंधन ने पहले ही अपना मुख्यमंत्री घोषित कर रखा है, ऐसे में वहां सारी मारामरी मंत्री बनने को लेकर है. इस बीच नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण वाले दिन के भाषण के कुछ अंश लीक हो गए हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर किसी ने पुष्टि नहीं की है लेकिन बताया जा रहा है कि यह नीतीश कुमार के भाषण के अंश हो सकते हैं.
डिस्क्लेमरः भाषण के ये अंश आधिकारिक नहीं हैं और न ही aajtak.in इसकी पुष्टि करता है.
भाषण के अंश
इस जीत के लिए आप सभी को बधाई. खासकर हमारे बिहारी भाई-बंधुओं को बधाई, जिन्होंने साबित कर दिया कि हमारे डीएनए में कोई खराबी नहीं है बल्कि खराबी उनकी सोच में थी जो हार गई. इस जीत ने एक बात और साबित कर दी कि 'गगन बिहारी' जैसे लोगों की बिहार में कोई जरूरत नहीं है और न ही बिहार को किसी के विकास मॉडल की नकल करने की जरूरत है.
बिहार को भीख की तरह पैसा देने की घोषणा करने वाले लोगों को यहां की जनता ने बता दिया है कि हमें अपना हक चाहिए, भीख नहीं. ये लोग कहते थे कि हम बिहार में फिर से जंगल राज लाने जा रहे हैं लेकिन गुजरात मॉडल को लेकर घूमने वाले हमारे देश के प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को राज्य की जनता ने जता दिया कि हमें उनके कमंडल की जरूरत नहीं है.
लालूजी जमीन से जुड़े नेता रहे हैं. उन्हें यहां की जनता की परवाह है. हम साथ इसलिए आए कि बिहार में बाहरी घुसपैठ को रोका जा सके और इसे आपने सही साबित कर दिया. 'जुमला बाबू' , 'गगन बिहारी' को हराने के लिए धन्यवाद!