
बिहार में आई भीषण बाढ़ की विभीषिका में अब तक 500 से ज्यादा लोगों की जान चली गई वही हजारों करोड़ की संपत्ति का भी नुकसान हुआ. राज्य के 18 जिले बाढ़ की चपेट में है और तकरीबन 1.5 करोड़ से भी ज्यादा प्रभावित लोगों के लिए बिहार सरकार ने मुआवजे का एलान किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को बिहार कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें इस बात को लेकर फैसला लिया गया कि अगले 7 दिनों के अंदर राज्य सरकार सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों को अनुदान राहत कोष के 6000 रुपए उपलब्ध करवाएगी. इस बात की जानकारी देते हुए बिहार सरकार के कैबिनेट सचिव बृजेश कुमार मल्होत्रा ने जानकारी दी कि राज्य कैबिनेट ने बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए तकरीबन 1935 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.
गौरतलब है कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को 6000 रुपए का मुआवजा जो दिया जाएगा उसमे 3000 रुपए खाने-पीने के सामान के लिए है और बाकी 3000 रुपए कपड़े और बर्तनों के लिए है. राज्य सरकार 6000 रुपए की राशि पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में जमा करवाएगी. कैबिनेट सचिव बृजेश मल्होत्रा ने बताया कि जिन बाढ़ पीड़ित परिवारों के पास बैंक अकाउंट है, उनके खाते में सीधा पैसा जमा करा दिया जाएगा और जिन पीड़ित परिवारों के पास बैंक खाता नहीं है, उस जिले के जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वह ऐसे परिवारों को चिन्हित करके उनके बैंक खाता तुरंत खुलवाएं.
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि बिहार की बाढ़ की रोकथाम को लेकर नेपाल के पीएम से बात हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सड़कों पर जल निकासी की व्यवस्था को लेकर भी बात हुई है. बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में बाढ़ से 19 जिलों की करीब पौने दो करोड़ आबादी प्रभावित हुई है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक 28 अगस्त तक बाढ़ से 514 लोगों की मौत हो चुकी है.