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पानी में डूबा घर, नाव पर कट रही जिंदगी... बिहार के 10 से अधिक जिलों में बाढ़ से तबाही

एक तो मूसलाधार बारिश और फिर नेपाल से छोड़े गए पानी की वजह से उत्तर बिहार में संकट गहरा गया है. बिहार के 10 से ज्यादा जिलों के लाखों लोग मुसीबत से घिर आए हैं.

बिहार में बाढ़ का कहर जारी (फोटो-PTI) बिहार में बाढ़ का कहर जारी (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 8:29 AM IST

  • कोसी नदी का कहर जारी
  • कई जिले बाढ़ की चपेट में
  • लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित

बाढ़, तबाही, नदियों का सैलाब. इन दिनों उत्तर भारत में कई राज्य इन्हीं संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन सबसे गंभीर हालात बिहार में है. एक तो मूसलाधार बारिश और फिर नेपाल से छोड़े गए पानी की वजह से उत्तर बिहार में संकट गहरा गया है. बिहार के 10 से ज्यादा जिलों के लाखों लोग मुसीबत से घिर आए हैं.

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कमोबेश पूरे उत्तर बिहार का एक जैसा हाल है. सहरसा के सलखुआ प्रखंड में पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर चानन, कबीरा, अलानी, साम्हरखुर्द जैसे पंचायत में हालत बहुत खराब हैं. स्कूल पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. आवाजाही सबसे बड़ी मुसीबत बन चुकी है. सैकड़ों एकड़ धान की फसल तबाह हो चुकी है.

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इसी के महिषि प्रखंड में भी बाढ़ ने बर्बादी शुरू कर दी है. चारों ओर पानी के सिवा कुछ भी नहीं दिखता. घर गृहस्थी का सारा सामान नाव के सहारे ढोया जा रहा है. उफनती लहरों के बीच से जान जोखिम में डालकर लोग सफर पर निकलते हैं, लेकिन कई बार वे पस्त हो जाते हैं. इलाके के लोग बेबस हैं. जिंदगी घुटने भर पानी में ही काटना उनकी मजबूरी बन चुकी है.

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दरभंगा शहर के अंदर का हाल भी बुरा है. सदर थाना टापू बन गया है. पुलिसवालों को भी नाव का सहारा है या फिर उनकी तेज रफ्तार जीप कई बार मददगार हो जाती है. समस्तीपुर में बूढ़ी गंडक का कहर टूटा है. 200 से ज्यादा घरों में पानी घुस चुका है. जिले के बिथान, हसनपुर सिंधिया और कल्याणपुर प्रखंडों में 25 से ज्यादा गांव सैलाब से घिर चुके हैं.

मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का कहर टूटा है. कई दिनों से जिंदगी बेबसी के साथ कट रही है. कहां जाएं, किससे गुहार करें, किससे मदद मांगें. इलाके के लोगों के लिए ऐसा मंजर पहली बार नहीं दिखा है. सैकड़ों गांव बाढ़ से कराह रहे हैं. इन सबके बीच लोग खुद की नाव बनाकर जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं.

सुपौल का भी हाल बुरा है. ये जिला भी कोसी नदी का प्रकोप झेलता है. हर बार की तरह इस बार भी तस्वीरें बड़े आफत की गवाही दे रही हैं. हजारों घर पानी में डूब चुके हैं. बड़ी संख्या में आशियाने उन लहरों का शिकार हो चुके हैं. सुपौल में कोसी रौद्र रूप में है. नदी में उफान से किनारों पर कटान शुरू हो चुका है.

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नेपाल से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जो मुसीबत को बेहिसाब बढ़ा रहा है. हालात तेजी से बिगड़े हैं. ऐसे में बाढ़ पीड़ितों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एडीआरएफ की तैनाती की गई है. मोतिहारी में सड़कों के ऊपर से मानो नदी बहने लगी है. कहीं कहीं सड़क बह गई है। सुगौली में रिंग बांध टूट गया है, जिससे कई गांवों में शामत आ गई है.

नेपाल के पानी छोड़ने से बिहार में तबाही

बिहार में कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला बलान और महानंदा का कहर जारी है. इन सभी नदियों का कनेक्शन सीधे-सीधे नेपाल से है. यानि जब भी नेपाल पानी छोड़ता है तो उसका कहर इन नदियों के जरिए उत्तर बिहार पर टूटता है. बिहार में 7 जिले पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज नेपाल से सटे हुए हैं.

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