
बिहार के डीजीपी के. एस द्विवेदी ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के डीएसपी के खिलाफ नारेबाजी के लिए उकसाने पर कोई मामला नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि किसी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगवाने से या नारे लगाने के लिए उकसाने से दंगा नहीं होता. यह कानून तोड़ने का मामला हो सकता है लेकिन यह देखना होगा कि इससे कौन से कानून का उल्लंघन हो रहा है. साथ ही वह उल्लंघन कैसा है कॉग्निजेबल ऑफेंस या नॉन कॉग्निजेबल.
बता दें, कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के द्वारा दरभंगा के डीएसपी के खिलाफ नारेबाजी के लिए उकसाने वाले एक वीडियो के सामने आने के बाद उन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग हो रही है. विपक्ष भी लगातार केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर कार्रवाई की मांग कर रहा है.
नरेंद्र मोदी के नाम पर बने चौक को लेकर हुई हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जब दरभंगा पहुंचे तो वहां नारेबाजी हो रही थी, उसी समय के एक वीडियो में गिरिराज सिंह कार्यकर्ताओं से डीएसपी का नाम लेते हैं और उसके बाद 'डीएसपी मुर्दाबाद' के नारे भी लगने लगते हैं. आरजेडी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गृह मंत्री हैं और पुलिस के खिलाफ उनके सहयोगी दल के मंत्री इस तरह का व्यवहार करते हैं तो कार्रवाई जरूर होनी चाहिए.
आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि जिस तरह से गिरिराज सिंह एक मंत्री हैं और उन्होंने दरभंगा में उकसाने का काम किया है कि आप डीएसपी के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाओ, सरकार और सरकार के तंत्र दोनों ने कहा कि जमीनी विवाद में हत्या हुई है. लेकिन उसको यह लोग राजनीतिक रंग देकर धार्मिक जाति- भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि भागलपुर के नाथनगर में शनिवार को दो समुदायों के बीच हुए विवाद के बाद भागलपुर प्रशासन ने केंद्रीय मंत्री अश्वनी कुमार चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत चौबे समेत 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है. इनके ऊपर बिना इजाजत का जूलुस निकालने और इस दौरान आपत्तिजनक गाना बजाने का आरोप लगाया गया है. मंगलवार को भी विधानसभा में इसको लेकर हंगामा होता रहा.