
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही इस साल होने वाले रणजी ट्रॉफी और अन्य क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को हरी झंडी दे दी थी. बता दें कि 1999 में बिहार के विभाजन के बाद से ही दो गुटों के बीच क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई थी. जिसमें एक तरफ बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) तो वहीं दूसरी तरफ एसोसिएशन फॉर बिहार क्रिकेट (ABC) था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद बिहार अब स्वतंत्र रुप से रणजी ट्रॉफी में हिस्सा ले पाएगा.
वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार पटना स्थित मोइनुल हक क्रिकेट स्टेडियम के विकास के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के साथ एक MOU साइन करेगी. सुशील मोदी ने इस बात को लेकर भी खुशी जाहीर की कि अब 17 साल के बाद बिहार की टीम भी रणजी क्रिकेट में हिस्सा ले सकेगी.
सुशील मोदी ने यह भी कहा कि बिहार के बंटवारे के बाद बिहार क्रिकेट एसोसिएशन विवादों के घेरे में आ गया था. लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है की बिहार की टीम भी इस साल से रणजी मैचों में हिस्सा लेगी. सुशील मोदी ने यह भी अशवासन दिया कि सरकार मोइनुल हक स्टेडियम को विकसित करने के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के साथ समझौता करेगी ताकि स्टेडियम में बिहार के बच्चें उच्च स्तरीय क्रिकेट का प्रशिक्षण हासिल कर सकें.
आप को बता दें कि बिहार के विभाजन के बाद से ही पटना के मोइनुल हक क्रिकेट स्टेडियम में एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हुआ है. मंगलवार को सुशील मोदी चार दिवसीय बिहार एकलव्य खेल का उद्घाटन करते हुए कहा कि राज्य में इस वक्त 22 एकलव्य राज्य आवासीय खेल प्रशिक्षण केंद्र संचालित करके 370 बच्चों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. सुशील मोदी ने यह भी जानकारी दी कि अगले साल 17 एकलव्य आवासीय खेल प्रशिक्षण केंद्र खोलकर 1000 बच्चों को नामांकित करके प्रशिक्षण देना सरकार का लक्ष्य है.