
सियासी गलियारी में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शास्वत चौबे के आत्मसमर्पण के बाद बिहार में आए सियासी उबाल में थोड़ी कमी आएगी. आरजेडी ने पिछले दो हफ्तों से अर्जित की गिरफ्तारी को लेकर माहौल गर्म बना रखा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातर हमले हो रहे थे. उनके कानून के राज पर सवाल उठ रहे थे. विधानसभा में कई दिनों तक हंगामा होता रहा. यहां तक कि नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच टकराव की खबरें भी आने लगीं, लेकिन जनता दल (यू) का कहना है कि पूरा एनडीए एकजुट है.
बिहार में हाल में हुए सांप्रदायिक तनावों को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गंभीर मुद्रा को देखकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया. नीतीश कुमार ने बिहार दिवस के अवसर पर गुजारिश की थी कि समाज में तनाव न फैलने दें. हालांकि उससे पहले 17 मार्च को अर्जित शास्तव चौबे ने भागलपुर के नाथनगर में शोभायात्रा निकाली जिसके बाद वहां हिंसा हुई. इस मामले में अर्जित के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे अपने बेटे का बचाव करते रहे.
कांग्रेस का नीतीश पर निशाना
नीतीश कुमार को सहयोगी दल के नेता से ऐसे बर्ताव की उम्मीद नहीं थी. जदयू की तरफ से बार बार अर्जित को सरेंडर करने को कहा जाता रहा. अर्जित ने आखिर में सरेंडर तो किया, लेकिन अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद. कांग्रेस ने कहा है कि नीतीश बीजेपी के सामने कितने विवश हैं, यह सामने आ चुका है.
नीतीश कुमार से 16 मार्च को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवन मिले थे. उन्होंने 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती में शामिल होने का न्यौता दिया. उसके बाद केंद्रीय राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी मुख्यमंत्री से मिले. आरजेडी के बागी सांसद पप्पू यादव से भी नीतीश कुमार की लंबी मुलाकात हुई.
इन तमाम मुलाकातों से अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि एनडीए के सहयोगी बीजेपी से खुश नहीं हैं, लेकिन जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार इसका खंडन करते हैं. उनका कहना है कि एनडीए में सब कुछ ठीक है. उन्होंने कहा, बिहार की जो वर्तमान राजनीति है, उसमें धर्मनिरपेक्षता एवं सामाजिक न्याय की लड़ाई जो भ्रष्टाचार की बुनियाद पर लड़ना चाहते हैं, उससे हमारा अन्तर्विरोध है.
नीरज कुमार ने कहा, हमने बिहार में नया गठबंधन एनडीए बनाया. यह गठबंधन नीतीश कुमार के द्वारा जो जनता को सात निश्चय दिया गया, उसकी बदौलत बना. इसे बीजेपी सहित उसके सहयोगी दलों ने भी स्वीकार किया हुआ है. पूरा एनडीए एकजुट है, रामविलास पासवान केंद्र में मंत्री हैं और नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में इनके मिलने का कोई राजनीतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए. एनडीए एकजुट है. इसमें न मनभेद है न मतभेद है.