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1 यादव, 1 मुस्लिम... RJD के 5 MLC जेडीयू में शामिल कराना नीतीश का मास्टर स्ट्रोक!

जेडीयू में जो पांच एमएलसी शामिल हुए, उनमें दिलीप राय यादव और कमरे आलम मुस्लिम बिरादरी से आते हैं. यादव और मुस्लिम, ये दोनों ही आरजेडी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटोः PTI) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटोः PTI)
रोहित कुमार सिंह
  • पटना,
  • 23 जून 2020,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST

  • आरजेडी से परंपरागत वोटरों का मोह भंग होने का संदेश देने की कोशिश
  • इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल हुए नेताओं ने तेजस्वी को बताया जिम्मेदार

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सियासी सरगर्मी के बीच चुनावी साल में नेताओं के दल-बदल का सिलसिला भी शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में शून्य पर सिमटी विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में टूट शुरू हो गई है. मंगलवार को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने आरजेडी को जबरदस्त झटका दिया. आरजेडी से इस्तीफ देकर पांच एमएलसी सत्ताधारी खेमे में शामिल हो गए.

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इसे विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. नीतीश ने विपक्षी दल के खेमे में सेंध लगाकर जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है. जेडीयू में जो पांच एमएलसी शामिल हुए, उनमें दिलीप राय यादव और कमरे आलम मुस्लिम बिरादरी से आते हैं. यादव और मुस्लिम, ये दोनों ही आरजेडी के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. ऐसे में इन नेताओं को जेडीयू में शामिल कराया जाना यह संदेश देने की कोशिश माना जा रहा है कि अब परंपरागत वोटरों का भी आरजेडी से मोहभंग हो गया है.

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एमएलसी संजय प्रसाद, दिलीप राय, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और कमरे आलम आरजेडी से इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल हो गए. विधान परिषद के अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह को सदस्यता से इस्तीफा सौंपने के बाद पांचों नेता सीधे मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और नीतीश कुमार से मुलाकात की. नीतीश की मौजूदगी में ही पांचों नेताओं ने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की. सूत्रों की मानें तो आरजेडी के इन पांचों विधान पार्षदों को जदयू में शामिल कराने में जदयू सांसद और नीतीश कुमार के बेहद करीबी ललन सिंह ने मुख्य भूमिका निभाई.

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बताया जाता है कि आरजेडी छोड़ने वाले इन नेताओं की गिनती पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबियों में होती थी. ये नेता तेजस्वी यादव की कार्यशैली से नाराज थे. सूत्रों की मानें तो 6 जुलाई को बिहार विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इनमें से तीन सीटें आरजेडी के खाते में जाती दिख रही हैं. जानकारी के मुताबिक लालू प्रसाद अपने बड़े बेटे और विधायक तेजप्रताप को एक सीट पर भेजने का मन बना चुके हैं. पार्टी में परिवारवाद को लेकर भी नेताओं के अंदर असंतोष है.

दिलीप राय ने तेजस्वी पर बोला हमला

आरजेडी से नाता तोड़कर जेडीयू में शामिल होने के बाद नेताओं ने तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिलीप राय ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी में टूट के लिए तेजस्वी ही जिम्मेदार हैं. वे मनमाने तरीके से पार्टी चला रहे हैं और किसी की नहीं सुनते. वहीं, राधाचरण सेठ ने कुछ दिन बाद दो दर्जन और विधायकों के आरजेडी छोड़ने का दावा किया. सेठ ने दावा किया कि 25 से 30 विधायकों ने आरजेडी छोड़ने का मन बना लिया है.

आरजेडी में सेंध लगाने के बाद जेडीयू का तंज

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आरजेडी में सेंध लगाने के बाद जेडीयू नेता और नीतीश सरकार में मंत्री नीरज कुमार ने तंज किया. कुमार ने कहा कि तेजस्वी कहा करते थे कि चुनाव से पहले जेडीयू में टूट होगी, लेकिन इसके उलट हो गया. उन्होंने कहा कि आरजेडी में टूट के बाद तेजस्वी यादव को अब बताना चाहिए कि उनका दल टूटा है या फिर उनका दिल? तेजस्वी ने केवल धन अर्जन किया है और इसीलिए उनके पार्टी के नेता उनकी छाया से भी दूर रहना चाहते हैं.

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