
बिहार के अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक नर्स ने कुछ रुपयों के लिए बाढ़ पीड़ित परिजनों को मृत बच्चे का शव देने से इनकार कर दिया. हालांकि, इस मामले की शिकायत सिविल सर्जन से करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. लेकिन अभी तक आरोपी नर्स पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
मामला सहरसा जिले का है. मिसरोलिया गांव निवासी विनय कुमार की पत्नी राजकुमारी देवी गर्भवती थी. बीते दिनों उसे तेज दर्द उठने के बाद लगभग सुबह 4 बजे नवहट्टा पीएचसी ले गए. उस समय वहां मौजूद सभी स्टाफ सो रहा था. किसी तरह नर्स को जगाकर पीड़ित गर्भवती की परेशानी बताई गई. लेकिन नर्स ने उसे भर्ती करने के लिए पैसों की मांग की.
इस बात का विरोध करने पर प्रभारी चिकित्सक ने इलाज के लिए उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया. पीड़ितों ने जब एंबुलेंस की मांग की तो उनसे कहा गया कि यह सुविधा फिलहाल बाढ़ पीड़ितों के लिए है. उन्होंने जब बताया कि हम बाढ़ पीड़ित ही हैं तो स्टाफ ने ड्राइवर न होने की बात कही. जिसके बाद पीड़िता को किसी तरह ऑटो से सदर अस्पताल पहुंचाया गया.
अस्पताल में गर्भवती के प्रसव के दौरान ही नवजात की मौत हो गई. जब परिजनों ने नवजात का शव मांगा तो नर्स ने शव देने के लिए उनसे 600 रुपये की मांग की. पीड़ित परिजनों के साथ आई आशा कार्यकर्ता ने इस बात की शिकायत अस्पताल के सिविल सर्जन से की. जिसके बाद नवजात का शव तो उन्हें सौंप दिया गया, लेकिन नर्स पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.