
शिक्षा समाज में हर किसी के लिए जरूरी है. अगर आप किसी की मदद करना चाहते हैं तो उसे तोहफे में शिक्षा दो. आज ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने शिक्षा के महत्व को समझा और बिहार के 300 घरों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं.
जानें कौन हैं ये शख्स
छात्रों को शिक्षा प्रदान करने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने के मिशन लगे इन शख्स का नाम राजेश कुमार सुमन हैं. बता दें, राजेश समस्तीपुर जिले के रोसड़ा स्थित 'बीएसएस क्लब: नि:शुल्क शैक्षणिक संस्थान' के संस्थापक हैं.
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ऐसे आया विचार
राजेश की पढ़ाई समस्तीपुर यूनिवर्सिटी से हुई है. पढ़ाई पूरी होने के बाद उनकी नौकरी विदेश मंत्रालय में लग गई. भले ही उनकी जिंदगी सही थी, लेकिन वह हमेशा से ही गरीब बच्चों की पढ़ाई को लेकर चितिंत रहते थे. जिसके बाद उन्होंने बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का फैसला किया. एक वेबसाइट के अनुसार वह गृह रोसड़ा के लिए कुछ करना चाहते थे जो समस्तीपुर बिहार का एक पिछड़ा हुआ इलाका है. शिक्षा के स्तर में कमी होने के कारण इस इलाके के छात्रों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल रहा था. वहीं शिक्षा की कमी के कारण यहां के होनहार छात्र छोटा-मोटा काम करके अपनी जिंदगी गुजारने पर मजबूर हो गए थे.
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'बीएसएस क्लब: नि:शुल्क शैक्षणिक संस्थान' की शुरुआत
राजेश ने समस्तीपुर में एक ऐसा इंस्टीट्यूट खोला जहां वे छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर रहे हैं और उनका भविष्य संवार रहे हैं. बता दें, साल 2008 में नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने 'बीएसएस क्लब: नि:शुल्क शैक्षणिक संस्थान' के नाम से इस इंस्टीट्यूट की शुरुआत की. राजेश ने बताया समस्तीपुर में उच्च शिक्षा कम ही लोगों के पास है. वहीं जिन लोगों के पास उच्च शिक्षा है वह शहरों में रहकर ही अपना करियर बनाना रहे हैं. ऐसे में इस इलाके की स्थिति में कोई सुधार नहीं आ रहा है. इस इलाके की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए ठान लिया कि वह यहां के लोगों के शिक्षित करेंगे.नौकरी छोड़कर गेंदे की खेती से ऐसे लाखों रुपये कमा रहा है ये शख्स
4 छात्रों से हुई शुरुआत
राजेश ने जब समस्तीपुर इलाके में पढ़ाना शुरू किया तब उनके पास केवल 4 छात्र थे. लेकिन धीरे -धीरे छात्रों की संख्या बढ़ती गई. उनके इंस्टीट्यूट का नाम धीरे-धीरे पूरे इलाके में फैलने लगा. बता दें, आज राजेश के इंस्टीट्यूट से करीब 300 छात्र विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए कोचिंग ले रहे हैं. वहीं यहां से ट्रेनिंग लिए छात्र विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफल भी हो रहे हैं. बता दें, राजेश अपने इंस्टीट्यूट में रेलवे, एसएससी, सेना और बिहार पुलिस विभाग के विभिन्न पदों के लिए छात्रों को ट्रेनिंग देते हैं. ताकि वह अपना भविष्य संवार सकें.
ये हैं राजेश के छात्र
राजेश के इंस्टीट्यूट में गरीबों, किसानों, शहीदों, विधवाओं और विकलांग के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है. राजेश बताते हैं कि बिहार में काफी लोग फौज में हैं और देश की सेवा में लगे हुए हैं ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके बच्चों को मुफ्त में एक बेहतर शिक्षा दें.