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जो शख्स जीवन में सफल होना चाहते हैं वह अपना रास्ता खुद ही बना लेते हैं. आज हम ऐसे शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने एमबीए की पढ़ाई की फिर नौकरी करने लगे और जब नौकरी में मन नहीं लगा तो गेंदे की खेती करनी शुरू कर दी.
जानें कौन हैं ये शख्स
इस शख्स का नाम रवि पाल हैं. ये मैनपुरी जिले के सुल्तानगंज ब्लॉक के गांव पद्मपुर छिबकरिया के रहने वाले हैं. बता दें कुछ महीनों पहले तक नोएडा की एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे लेकिन जब वह गांव वापस आए तो गेंदे की खेती करनी शुरू कर दी. जहां उन्होंने गेंदे के पौधे 20 बीघा खेत में लगाए.
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ऐसे की शुरुआत
रवि जानते थे कि 9 से 5 बजे की नौकरी न आपको अच्छे पैसे दे सकती है और न ही संतुष्ट कर सकती है. इसलिए उन्होंने किसान बनना ही बेहतर समझा. बता दें, रवि ने साल 2011 में एमबीए की थी. जिसके बाद एलएनटी और कोटेक महिन्द्रा जैसी कंपनियों में नौकरी मिल गई. उन्होंने बताया कि कि नौकरियों में इतना अच्छा नहीं लगा, जितना किसान बन कर लग रहा है.
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गेदें की खेती में आमदनी
रवि ने खेत से दस क्विंटल गेंदा मैनपुरी जिले में गया था. अभी इससे कई गुना ज्यादा गेंदा का उत्पादन होगा. बता दें, मैनपुरी ज़िले में ये पहला उदाहरण है, जब कोई एमबीए जैसी डिग्री वाला किसान बन गया हो. वहीं रवि बताते हैं कि एक बीघा गेंदा लगाने में नर्सरी से लेकर खाद तक में ढाई से तीन हजार रुपए का खर्चा आता है. उसी खेती में 30 से 40 हजार रुपए की आमदनी हो जाती है.