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बिहार विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच चुनावी रणनीतिकार और बिहार से ताल्लुक रखने वाले प्रशांत किशोर ने बड़ा ऐलान किया है. प्रशांत किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं.
प्रशांत किशोर ने विकास के मानकों शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन प्रत्याशा पर बिहार की तुलना देश के दूसरे राज्यों से की है और कहा है कि इसके कोई शक नहीं है कि नीतीश कुमार ने बिहार में काम किया है लेकिन बावजूद इसके बिहार की स्थिति आज भी 2005 जैसी क्यों बनी हुई है?
2005 से 2015 के बीच नहीं बदला बिहार
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश राज में खूब विकास हुआ, लेकिन इस विकास के गति और आयाम नहीं रहे. प्रशांत किशोर ने कहा कि 15 साल में बिहार में खूब विकास हुआ है, लेकिन इससे विकास की स्थिति में व्यापक बदलाव नहीं हुए. पीके ने कहा कि 2005 में विकास के मानकों पर बिहार की स्थिति जो थी कमोबेश वही बनी हुई है. उन्होंने कहा शिक्षा में काम हुआ, लेकिन वे राज्य के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए. शिक्षा के सूचकांक में बिहार झारखंड के बाद आज भी देश का सबसे निचला राज्य है. आपने साइकिल बांटी, पोशाक बांटी लेकिन अच्छी शिक्षा नहीं दे पाएं.
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बिजली खपत में बिहार सबसे पिछड़ा राज्य
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में हर घर में बिजली पहुंची है, लेकिन बिजली खपत में बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है. उन्होंने कहा कि देश के लोग 900 केवी बिजली खपत करते हैं लेकिन बिहार में ये आंकड़ा 200 के आसपास है.
बिहार में देश के मुकाबले वाहनों का मालिकाना हक एक चौथाई है. साढ़े तीन करोड़ लोग आज भी बिहार में गरीबी में रहते हैं.
प्रति व्यक्ति आय के मामले में बिहार 2005 में 22 वें नबंर पर था आज भी 22वें नंबर पर ही है. PK ने कहा कि शहरीकरण हो या फिर जीडीपी का मुद्दा बिहार आज भी देश का सबसे गरीब राज्य है. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार या जेडीयू का कोई नेता इन मुद्दों पर बहस करना चाहता है तो वे तैयार है.
'बात बिहार की' करेंगे पीके
पटना में लंबे प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मैं बिहार में नई पार्टी बनाने नहीं आया हूं, बल्कि पूरे बिहार में एक कैंपेन चलाऊंगा. 'बात बिहार की' नाम से शुरू होने वाले इस कैंपेन के जरिए अगले 100 दिनों तक मैं बिहार भ्रमण करूंगा. बिहार एक सशक्त नेता चाहता है, जो बिहार की बात कहने के लिए किसी का पिछलग्गू न बने. उन्होंने कहा कि 20 फरवरी से इस अभियान की शुरूआत होगी.
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नीतीश की विचारधारा पर सवाल
पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरा और नीतीश जी का संबंध राजनीतिक नहीं था. वह मुझे अपना बेटा मानते थे. नीतीश जी के फैसले का मैं दिल से स्वागत करता हूं. प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि नीतीश जी उनके साथ हैं, जो गोडसे की विचारधारा को मानते हैं. गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं.