
बीजेपी और नरेंद्र मोदी के खिलाफ लामबंद हुए नीतीश और लालू के 'महागठबंधन' के विधायकों ने रविवार को पटना में मोदी सरकार के खिलाफ धरना और प्रदर्शन किया. पटना के जेपी गोलंबर पर जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों ने केंद्र सरकार द्वारा बिहार की उपेक्षा किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया.
लेकिन 'महागठबंधन' का ये धरना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ. दरअसल, इस धरने में शामिल तीनों दलों के सभी 210 विधायकों और विधान पार्षदों के जुटने का दावा किया गया था लेकिन धरने में सिर्फ 65 विधायक और विधान पार्षद ही शामिल हुए. यहां तक कि इस कार्यक्रम में तीनों पार्टियों का कोई बड़ा नेता भी नहीं पहुंचा.
राज्यसभा चुनाव में 'महागठबंधन' की एकजुटता दिखाने के बाद ये पहला ऐसा कार्यक्रम था जहां बिहार में बनने वाली नई पार्टी के विधायकों ने मोदी सरकार के खिलाफ धरना दिया था. इस धरने का मुख्य मुद्दा था राज्य की हकमारी का, जिसके बहाने 'महागठबंधन' अपनी ताकत दिखाना चाहती थी.
लेकिन इस धरने में कांग्रेस का एक विधायक और आरजेडी के सिर्फ 6 विधायकों ने ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. यहां तक कि सत्तारूढ़ जेडीयू के आधे से ज्यादा विधायक इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. बहरहाल, रविवार को सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक चले इस कार्यक्रम में विधायकों ने मोदी सरकार को जमकर कोसा लेकिन इसी बहाने अपनी घटती ताकत का भी एहसास करा गए.