
बिहार बोर्ड टॉपर मामले में पुलिस ने अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं विशुन राय कॉलेज के प्रिंसिपल बच्चा राय की मदद के आरोपों को लेकर इंस्पेक्टर शंभु यादव को SIT की टीम से बाहर कर दिया गया है. पटना के एसएसपी मनु महाराज ने गुरुवार को कहा कि आगे भी अगर किसी अफसर के खिलाफ ऐसी कोई बात सामने आती तो उसे तत्काल जांच से अलग कर दिया जाएगा.
'आज तक' से खास बातचीत में मनु महाराज ने कहा, 'अगर किसी के बारे में थोड़ी भी अफवाह उठती है या एसआईटी के किसी सदस्य को लेकर कोई संदिग्ध बात सामने आती है तो उसे तत्काल जांच टीम से बाहर कर दिया जाएगा.'
'बच्चा राय भागा नहीं है'
एसएसपी से पूछा गया कि ऐसी खबरें आई हैं कि जब कॉलेज पर छापेमारी की गई तो बच्चा राय वहां मौजूद था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया, इस पर मनु महाराज ने कहा, 'बच्चा राय के भाग निकलने, बच निकलने या उसके भागने में पुलिस की मदद जैसी कोई बात नहीं है. लेकिन क्योंकि ऐसी बातें सामने आई हैं तो हम इसकी जांच करेंगे.'
'इन पांच लोगों को किया गया गिरफ्तार'
गौरतलब है कि पुलिस ने मामले में अभी तक जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें राजेंद्र नगर बॉयज हाई स्कूल के प्रिंसिपल बिश्वेसर यादव शामिल हैं. यही वही स्कूल है जहां बिशुन राय कॉलेज की कॉपियों का मूल्यांकन किया गया था. इसके अलावा संजीव सुमन हैं, जो मूल्यांकन केंद्र पर ड्यूटी अफसर थे. शंभु नाथ और रंजीत मिश्रा हैं जो बिहार स्कूल परीक्षा समिति के अधिकारी हैं जो गोपनीय विभाग में कार्यरत हैं. साथ ही साहिल कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है जो हाजीपुर के जीए इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल हैं. यह कॉलेज बिशुन राय कॉलेज का परीक्षा केंद्र था.
'जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे लालकेश्वर प्रसाद'
मनु महाराज ने कहा कि मामले में जल्द ही लालकेश्वर प्रसाद सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वह अभी फरार हैं और उन्हें इस घोटाले में दोषी पाया गया है. पुलिस के शीर्ष पदस्थ सूत्रों ने बताया कि लालकेश्वर ही इस पूरे घोटाले के असली आरोपी हैं. बतौर बिहार स्कूल परीक्षा समिति के चेयरमैन वह इस घोटाल में शामिल थे.
'बच्चा राय पर ज्यादा तगड़ा केस नहीं बनता'
पुलिस मानती है कि बच्चा राय इस केस में ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, क्योंकि वह एक प्राइवेट पर्सन है. साथ ही वह मामले में यह दलील देकर कड़ी कार्रवाई से बच सकता है कि वह कमीशन एजेंट के रूप में काम करता था. पुलिस सूत्र बताते हैं कि बच्चा राय पर अधिक से अधिक आईपीसी की धारा 420 या 120बी के तहत केस दर्ज किया जा सकता है.
अब इस दिशा में हो रही हैं जांच
इस बीच पुलिस ने फर्जी आंसर शीट बरामद कर लिए हैं. इसके साथ ही बच्चा राय के घर से उसकी डायरी और लैपटॉप जब्त कर ली गई है. पुलिस अब सभी आरोपियों के बैंक खातों की पड़ताल और कॉल डिटेल्स खंलाने में भी जुट गई है.