
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दिया है. अमेरिकी संसद में पाकिस्तान को मिले मेजर नॉन-नाटो सहयोगी (MNNA यानी मेजर नान नाटो एलाय) के दर्जे को रद्द करने को लेकर बिल पेश किया गया है.
इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकवाक के खिलाफ प्रभावशाली ढंग से लड़ने में नाकामयाब रहा है.
इस बिल को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर टेड पो और डेमोक्रेटिक सीनेटर रिक नोलन ने पेश किया
है. साल 2004 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने पाकिस्तान को मेजर नॉन नाटो सहयोगी देश का दर्जा दिया था, ताकि अलकायदा और तालिबान से अमेरिका को मुकाबला करने में मदद मिल सके.
सीनेटर पो ने कहा कि पाकिस्तान के हाथ अमेरिकियों की हत्या से रंगेे हुए हैं. उसको हरहाल में इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. टेड पो अमेरिकी कांग्रेस के विदेश मामलों की कमेटी के सदस्य और आतंकवाद, गैर प्रसार एवं व्यापार की उपकमेटी के चेयरमैन भी हैं. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से पाकिस्तान ने अमेरिका के विश्वासघाती सहयोगी के रूप में कार्य किया.
पाकिस्तान ने आतंकी ओसामा बिन लादने को छिपाने से लेकर तालिबान तक का समर्थन किया. उसने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने की जिद कर रखी है. अमेरिका ऐसे गैर नाटो सदस्य देश को MNNA का दर्जा देता है, जो अमेरिकी सरकार के साथ मिलकर काम करते हैं. ऐसे देशों को अमेरिका की ओर से सैन्य और आर्थिक सहायता मिलती है.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 जून को अमेरिका पहुंचेंगे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे. अमेरिका मोदी के स्वागत की तैयारी में जुटा हुआ है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा कि अमेरिका पीएम मोदी के दौरे का इंतजार कर रहा है. यह दौरा अमेरिका और भारत के बीच रिश्तों को और मजबूत करेगा. वहीं पीएम मोदी के दौरे से पहले विदेश सचिव जयशंकर अमेरिकी विदेश सचिन रेक्स टिलरसन से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात शुक्रवार को ही होगी.
उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत कई मुद्दों पर एक जैसी सोच रखते हैं. इनमें आतंकवाद से लड़ाई और लोगों के बीच जुड़ाव जैसे कई मुद्दें हैं. उन्होंने कहा कि हमारे देश में आने वाले लोगों के लिए जिन्हें वीजा दिया जाता है उनमें हमेशा ही भारतीयों की संख्या ज्यादा होती है. मुझे नहीं लगता कि वीजा का मुद्दा एजेंडा की बात होगी. अमेरिकी लोग भारतीयों के साथ काफी दोस्ताना संबंध रखते हैं.