
दिल्ली विधानसभा के मौजूदा सत्र को लेकर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और विपक्षी दलों के बीच तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गई है. इस सत्र में जहां आप सरकार में एमसीडी के आर्थिक कुप्रबंधन को मुद्दा बनाकर प्रस्ताव पास किया, तो वहीं बीजेपी के विधायक सत्र की उपयोगिता पर ही सवाल उठा रहे हैं.
सत्र के पहले दिन एमसीडी के कामकाज की ऑडिटिंग के लिए हाउस कमेटी बनाने के फैसले पर बीजेपी नेताओं ने सरकार को आड़े हाथों लिया. बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा की विधानसभा का यह सत्र राजनीतिक बदले की भावना से बुलाया गया है. इस सत्र में कोई विशेष काम नहीं होना है.
गुप्ता ने कहा कि इस वक्त दिल्ली में जबरदस्त ठंड पड़ रही है, लेकिन दिल्ली सरकार मॉनसून सत्र का आयोजन कर रही है. यह सरकार सरकार संवैधानिक परंपराओं की भी अवहेलना कर रही है. साल का पहला सत्र शीतकालीन सत्र होता है, जिसमें उपराज्यपाल का अभिभाषण कराया जाता है, लेकिन सरकार ने विधानसभा के इस सत्र को चौथे सत्र का छठा भाग कहकर बुलाया है जो कि असंवैधानिक है.
विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस सत्र में ना तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही सदन में मौजूद हैं और ना ही उनका कोई मंत्री सदन में दिखा. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के ज्यादातर विधायक भी सदन से गायब हैं. ऐसे में इस सत्र को बुलाने का कोई औचित्य नहीं. विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक, सरकार ने एमसीडी को लेकर जो समिति बनाई है, उसका कोई मतलब नहीं, क्योंकि जो चीज मांगने पर 2 घंटे के नोटिस पर मिल सकती हैं. उसके लिए आप जांच समिति किसलिए बना ना रहे हैं.