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सहारनपुर दौरे पर गए राहुल गांधी को BJP ने बताया 'ट्रेजडी टूरिस्ट'

यूपी में मंत्री एसएन सिंह ने कहा कि जब बसपा सुप्रीमो मायावती के सहारनपुर पहुंचने पर हालात और बिगड़े थे, इसलिए प्रशासन ने राहुल गांधी को दौरे की इजाजत नहीं दी. योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि राहुल सहारनपुर में एक राजनीतिक यात्रा करने चाहते हैं और ये दौरा उनके लिए मात्र तस्वीर खिंचवाने का मौका है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2017,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

हिंसक घटनाओं से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दौरे के लिए प्रशासन की मंजूरी मिले बिना ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी वहां पहुंचे रहे हैं. प्रशासन ने राहुल के हेलीकॉप्टर को सहारनपुर में उतारने की इजाजत नहीं दी है, वो सड़क मार्ग से सहारनपुर पहुंच रहे हैं. यूपी प्रशासन की ओर से राहुल गांधी को दौरे की मंजूरी ना मिलने पर तमाम राजनीतिक बयान सामने आ रहे हैं. बीजेपी इस फैसले को इलाके में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी बता रही है, वहीं विपक्ष इसे अपराधियों को बचाने की साजिश करार दे रहा है.

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बीजेपी ने राहुल पर साधा निशाना
यूपी में मंत्री एसएन सिंह ने कहा कि जब बसपा सुप्रीमो मायावती के सहारनपुर पहुंचने पर हालात और बिगड़े थे, इसलिए प्रशासन ने राहुल गांधी को दौरे की इजाजत नहीं दी. बीजेपी नेता और यूपी सरकार में मंत्री  श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी एंड कंपनी फ्रस्टेशन में है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ट्रेजडी टूरिस्ट हैं, जहां ट्रेजडी होती है, वह जरूर जाते हैं.
अपराधियों को बचा रही यूपी सरकार
इस मामले पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरेजवाला ने प्रतिक्रिया दी कि राहुल गांधी को दलित भाइयों के दुख-दर्द साझा करने से रोकने वाले श्री आदित्यनाथ कौन हैं. ऐसा बर्ताव बर्दाश्त करने योग्य नहीं है. यूपी सरकार दलितों के अपराधियों को बचा रही है. वो इस देश के गरीब, दलित और आदिवासियों की आवाज दबा नहीं सकती.

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BJP से यही उम्मीद थी
वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि BJP से और क्या अपेक्षा की जा सकती है. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने बिजली, हिंदु-मुस्लिम और त्योहारों को बांटा. हमारी पार्टी हर प्रभावित इलाके का दौरा करेगी.

क्या है पूरा मामला?
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान हुए एक विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था. इसके बाद विशेष जाति पर दलितों के साथ अत्याचार करने और उनके घर जलाने का मामला सामने आया था. इस मामले में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसके बाद बीते रविवार को भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया था.

गौरतलब है कि पिछले एक महीने से अधिक समय से 20 अप्रैल, 5 मई, 9 मई और 23 मई को यहां जो घटनाएं घटी, उसने इस जिले के शांतिप्रिय माहौल को प्रभावित किया है. इस दौरान ऐसा महसूस किया गया कि कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली में कमी रही और उसी का नतीजा रहा कि योगी सरकार ने यहां प्रशासनिक स्तर पर नई टीम भेजी, जो पूरे मामले की समीक्षा करते हुए इस माहौल को शांत और सामान्य करने मे जुटी है.

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