
दिल्ली में 22 साल का वनवास खत्म करने के मकसद से पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के चेहरे और केंद्र सरकार सरकार के कामकाज के बूते भारतीय जनता पार्टी विधनासभा चुनाव में उतरी थी, लेकिन उसको हार का मुंह देखना पड़ा था. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी के खाते में सिर्फ 8 सीटें ही आईं.
अब भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश नेतृत्व दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिए समीक्षा बैठक करने की बात कर रहा है. वहीं अब इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी में सिर फुटौव्वल भी शुरू हो गई है. दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और मटिया महल विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार रहे रविन्द्र गुप्ता ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं.
रविन्द्र गुप्ता ने कहा कि समीक्षा बैठक में कार्यकर्ताओं से पहले प्रदेश नेतृत्व को खुद की समीक्षा करनी चाहिए. उन्होंने नेताओं को अपने गिरेबां में झांकने की नसीहत दी और स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक दिल्ली भाजपा के नेता अपनी आंखे नहीं खोलेंगे, नगर निगम के भ्रष्टाचार को नहीं रोकेंगे, तब तक कुछ नहीं हो सकता.
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बीजेपी नेता गुप्ता ने कहा कि पहले अपनी कमी तलाशने की जरूरत है कि कहां कमी रह गई. आखिर 22 साल बाद भी हम दिल्ली में विधानसभा चुनाव क्यों हारे? दिल्ली भाजपा के महासचिव ने विधानसभा चुनाव में हार के लिए नगर निगम की कार्यप्रणाली को भी कठघरे में खड़ा किया है. आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 साल से भाजपा काबिज है, लेकिन उसका एक भी काम जनता के बीच ले जाने लायक नहीं है.
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दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही भाजपा में असंतोष उभरने लगा था. कार्यकर्ताओं का रोष कई दफे खुलकर सामने भी आया. चाहे वह टिकट बंटवारे को लेकर हो या किसी अन्य मुद्दे पर. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के कई नेताओं का भी चुनाव परिणाम आने के बाद यही कहना था कि बड़े नेता पहले खुद को देखें कि उन्होंने कैसे और क्या निर्णय लिए.
इन नेताओं का दावा था कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मेहनत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. ऐसे में अब रविन्द्र गुप्ता के बयान को उनकी बात पर मुहर के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि रविन्द्र गुप्ता ने किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन प्रदेश नेतृत्व की बात कर सबको लपेट लिया.
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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया था. हालांकि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली चुनाव का प्रभारी बनाया था. वहीं हरदीप सिंह और नित्यानंद राय सह प्रभारी बनाए गए थे. चुनाव समिति में विजय गोयल के अलावा दिल्ली के सभी सांसद शामिल थे.
अब रविन्द्र गुप्ता के बयान ने सभी नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया है. आपको बता दें कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली भाजपा से चुनाव में हार के कारणों का पता लगाकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा था. पार्टी सूत्रों के मुताबिक अभी तक समीक्षा रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है.
जिलों में कार्यकर्ताओं के साथ हो रही बैठक
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, निगम पार्षद, अध्यक्ष के साथ सभी पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है. इन बैठकों में राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और अनिल जैन भी शामिल रहे हैं. हर बैठक में संगठन मंत्री सिद्धार्थन और दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी शामिल रहे हैं. जिले में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हो रही है और फिर अंत में हारे हुए प्रत्याशियों के साथ बैठक होगी, जिसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार होगी.
भाजपा सूत्रों के मुताबिक सोमवार तक समीक्षा बैठकों का दौर पूरा होने की उम्मीद है. हर बैठक में केजरीवाल सरकार की फ्री योजनाओं की काट नहीं निकाल पाने की चूक सामने आई है.