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'जनता दरबार' बंद करने पर सुशील मोदी का वार, कहा- शिकायतों से पिंड छुड़ा रहे हैं CM नीतीश

सुशील मोदी ने कहा कि 'जनता दरबार' के माध्यम से लोगों की कुछ शिकायतों का समाधान जरूर हो जाया करता था, मगर अब नीतीश को बताना चाहिए कि लोग अपनी फरियाद कहां करेंगे और उन्हें फीडबैक कहां से मिलेगा.

बीजेपी नेता सुशील मोदी बीजेपी नेता सुशील मोदी
रोहित कुमार सिंह/सुरभि गुप्ता
  • पटना,
  • 22 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना 10 साल पुराना जनता की शिकायतों को सुनना और उसका समाधान निकालने का कार्यक्रम 'जनता दरबार' बंद कर दिया है. नीतीश कुमार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने लोगों की लगातार बढ़ रही शिकायतों से पीछा छुड़ाने के लिए अब 'जनता दरबार' कार्यक्रम बंद कर दिया है.

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सुशील मोदी ने कहा, 'नीतीश कुमार बढ़ती शिकायतों और गहराते असंतोष से घबराकर जनता दरबार कार्यक्रम से पीछा छुड़ा लिया है.' गौरतलब है कि दिसंबर महीने से नीतीश कुमार एक नया कार्यक्रम, जिसका नाम 'लोक संवाद कार्यक्रम' होगा, शुरुआत करने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री प्रत्येक सोमवार को 50 लोगों को अपने आवास पर बुलाकर उनसे सुझाव लेंगे और राज्य के विकास की योजना बनाएंगे.

सुशील मोदी ने पूछा है, 'लोक संवाद कार्यक्रम में केवल 50 लोग पहुंच पाएंगे और वह भी सिर्फ सुझाव देंगे. नीतीश को बताना चाहिए कि सत्ता में लौटने के बाद वह जनता से क्यों भाग रहे हैं? वह समस्याओं को सुनने के बजाए अपने कान क्यों बंद करना चाहते हैं?

लोक संवाद कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए सुशील मोदी ने पूछा, 'जब विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट 2025 तैयार करने का वादा करके करोड़ों रुपये खर्च कर दिए और 40 हजार गांव से लाखों सुझाव एकत्रित किए, तो आखिर विजन डॉक्यूमेंट बना क्यों नहीं और जब लाखों सुझाव सरकार के पास पड़े हैं, तो फिर नया कार्यक्रम क्यों शुरू किया जा रहा है?'

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सुशील मोदी ने कहा कि 'जनता दरबार ' के माध्यम से लोगों की कुछ शिकायतों का समाधान जरूर हो जाया करता था, मगर अब नीतीश को बताना चाहिए कि लोग अपनी फरियाद कहां करेंगे और उन्हें फीडबैक कहां से मिलेगा.

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