
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर विरोधी तंज कसने से कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. हाल ही में केजरीवाल के 10 सितंबर से विपासना में जाने की खबर आते ही दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने तीखा हमला किया है. तिवारी ने कहा कि दिल्ली केजरीवाल के व्यवहार से त्रस्त है. अच्छा होगा कि केजरीवाल परमानेंट विपासना में चले जाएं. आपको बता दें कि केजरीवाल हर साल सेहत दुरुस्त रखने के लिए दुनिया की सबसे प्राचीनतम स्वास्थ्य पद्धति विपासना के लिए अलग-अलग जगहों पर जाते रहे हैं.
परमानेंट विपासना पर जाएं केजरीवाल
मनोज तिवारी ने अरविंद केजरीवाल के सीएम रहते हुए ढाई साल तक अपने पास एक भी विभाग न रखने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 'केजरीवाल ढाई साल से बिना काम किए विपासना में ही थे, सिर्फ नाम के मुख्यमंत्री थे, कोई पोर्टफोलियो नहीं था. केजरीवाल ने जहां जहां ध्यान दिया चाहे पंजाब हो या गोवा, वहां की सफलता का रेट सब देख चुके हैं. तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल परमानेंट विपासना में जाएं और दिल्ली में फिर से चुनाव हों ताकि लोग अपना नेता चुन लें.
विरोधियों के सवाल का जवाब देते हुए 'आप' विधायक संजीव झा ने अपने मुख्यमंत्री का बचाव किया. उन्होंने कहा कि 'अरविंद केजरीवाल आज से नहीं पिछले 20 साल से विपासना के लिए जाते रहे हैं. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. विरोधी तो सवाल उठाते ही रहेंगे, उनका काम ही है सवाल खड़े करना है. लेकिन सरकार में बहुत तेज़ी से काम चल रहा है और चलता रहेगा. सीएम की नई जिम्मेदारी के सवाल पर झा ने कहा कि बात जिम्मेदारी की नहीं है. मुख्यमंत्री रहते हुए भी अरविंद केजरीवाल जल बोर्ड की मीटिंग लिया करते थे. उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि केजरीवाल जी के 10 दिन की छुट्टी पर जाने से इतने बवाल नहीं होने चाहिए.'
10 दिन के लिए विपासना पर जाएंगे केजरीवाल
आपको बता दें कि इस बार अरविंद केजरीवाल 10 सितंबर को महाराष्ट्र में मुंबई के नजदीक इगतपुरी में विपासना केंद्र में जाएंगे. जहां वह 10 दिन तक रहेंगे. पिछले साल भी अगस्त में केजरीवाल विपासना के लिए हिमाचल प्रदेश गए थे. वे अपनी खांसी के इलाज के लिए बंगलुरु के नेचुरोपैथी सेंटर और विपासना जैसे प्राचीनतम पद्धतियों पर ज्यादा भरोसा करते हैं. केजरीवाल की गैर मौजूदगी में दिल्ली में सरकार चलाने की जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया संभालेंगे.
इन 10 दिनों तक दिल्ली के मुख्यमंत्री को ना ही अखबार मयस्सर होगा ना ही विपासना केंद्र में उन्हें टीवी या मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की इजाजत होगी. 10 दिनों के विपासना सत्र के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किसी से बात करने तक की इजाजत भी नहीं होगी. सोमवार को ही उन्होंने ढाई साल में पहली बार मुख्यमंत्री के अलावा किसी विभाग की जिम्मेदारी ली और आला अधिकारियों को तलब कर रिपोर्ट भी मांगी. विपासना सत्र के बाद केजरीवाल क्या फिर किसी नई राजनीतिक लड़ाई का आगाज करेंगे, यह उनके आने के बाद ही पता चलेगा.