
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद काफी समय से चर्चा का विषय बना हुआ है. राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य और भारतीय जनता पार्टी से पूर्व सांसद रामविलास दास वेदांती ने कहा कि देश में सभी लोग चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बने.
उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि की जो 2.7 एकड़ भूमि है, उसको हाई कोर्ट ने दो तिहाई रामलाला के पक्ष में दिया है, और एक तिहाई बाबरी ऐक्शन कमिटी के पक्ष में दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राममंदिर का हल सभी पक्षों को आपस में बैठकर निकालना चाहिए. सभी संत चाहते हैं कि बाबरी एक्शन कमिटी राम जन्मभूमि पर अपना दावा छोड़ दे. जिससे राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो.
केंद्र सरकार ने राम जन्मभूमि न्यास की 67 एकड़ ज़मीन जो अधिकृत की थी उसको न्यास को दे दे. इस 67 एकड़ जमीन में अस्पताल, स्कूल या अन्य कोई सामाजिक कार्यों के निर्माण के लिए प्रयोग हो.
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद वहां कभी थी ही नहीं. मीरबाक़ी ने राम मंदिर को तोड़कर वहां बाबरी मस्जिद बनाई थी. बाबर अयोध्या कभी नहीं आया था. उन्होंने कहा कि अयोध्या से 12 किलोमीटर की दूरी पर सहजनवा की जगह जहां पर मीरबाकी का गांव है, वहां भी एक भव्य मस्जिद बनाई जाए.
वेदांती ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अरब देश में जाकर मस्जिद बनवा सकते हैं. इसलिए उन्हें राम मंदिर के निर्माण के लिए आगे आना चाहिए. ये मसला आपसी बातचीत से सुलझ सके और राम जन्मभूमि पर भगवान राम का भव्य मंदिर बन सके.
उन्होंने कहा कि इस देश के अस्सी प्रतिशत मुसलमान चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बने लेकिन सुन्नी मुस्लिम बोर्ड के कुछ सदस्य जो देश में शांति नहीं चाहते वो इससे राज़ी नहीं हैं. शिया मुस्लिम बोर्ड पहले ये बात कह चुका है कि अयोध्या में राम मंदिर बने और मस्जिद अयोध्या के बाहर बने.