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निलंबित कीर्ति आजाद ने दी सफाई, कहा- सोनिया गांधी से मिलीभगत का आरोप गलत है

वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ बोलने की वजह से बीजेपी से निलंबित हुए कीर्ति आजाद ने सोमवार को फिर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने डीडीसीए से जुड़ी कई गड़बड़ियों के बारे में मीडिया को बताया.

कीर्ति आजाद ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस कीर्ति आजाद ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
मोनिका शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

डीडीसीए मामले में बीजेपी से निलंबित चल रहे कीर्ति आजाद ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए फिर से क्रिकेट एसोसिएशन पर हमला बोला. उन्होंने डीडीसीए के आरोपों पर सफाई दी और अपने तथ्य पेश किए.

वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले कीर्ति आजाद ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा, 'मैं अरुण जेटली को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देता हूं.'

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कीर्ति ने कहा, सोनिया के भड़कावे में नहीं आया
कीर्ति आजाद ने कहा कि वो संसद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बहकावे में नहीं आए थे बल्कि स्पीकर ने उन्हें अपनी बात रखने के लिए कहा था. उन्होंने कहा, 'मुझ पर ये हमला हुआ है कि मैं सोनिया गांधी के बहकावे में आ गया. मुझ पर हमला करो लेकिन स्पीकर के ऑफिस को निशाना मत बनाओ. मैं लोकसभा कार्यवाही के सेक्शन 360 की तरफ ध्यान खींचना चाहूंगा, जब एक व्यक्ति कुछ बोलना चाहता है तो स्पीकर उसे बुलाती है लेकिन अगर एक ही समय पर एक से ज्यादा लोग बोलना चाहते हैं तो स्पीकर जिसे भी बुलाती है, वो बात करता है. इसलिए अगर ये आरोप लगाया जा रहा है कि मैं सोनिया के कहने पर बोल रहा था तो ये हास्यास्पद है. लोग वॉकआउट इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें स्पीकर की तरफ से बोलने का मौका नहीं मिलता.'

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डीडीसीए की तरफ से भुगतान पर सवाल
डीडीसीए में किसी तरह के एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट की बात नहीं कही गई है क्योंकि वहां कोई एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट हो ही नहीं सकता. अगर एग्जिक्यूटिव प्रेजिडेंट होता भी है तो न ही वो बैलेंस शीट पर साइन कर सकता है और न ही सालाना जनरल मीटिंग ले सकता है. सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफ(एसएफआईओ) ने कुछ दस्तावेज मांगे थे और कई दस्तावेज नहीं दिए गए हैं. अगर सीरियस फ्रॉड का मामला नहीं होता, तो तीस हजारी कोर्ट में केस क्यों फाइल किया गया. कंपनियों को दो-तीन बार भुगतान क्यों किया गया? वीके अग्रवाल कौन हैं और उन्हें 9 करोड़ रुपये क्यों दिए गए?

सीबीआई से मिलने की मांग
कीर्ति ने जांच एजेंसी सीबीआई से कहा है कि वो उनसे आकर मिलें. उन्होंने कहा, 'मैं सीबीआई से कहूंगा कि वो मुझसे आकर मिले. उन्होंने रेड से पहले डीडीसीए को चार नोटिस भेजे थे.'

तथ्यों पर खींचा ध्यान
कीर्ति आजाद ने तथ्यों के आधार पर अपनी बात रखी. कीर्ती ने कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि एके चौरसिया, उनकी बहन और ससुराल वालों को उस काम के लिए 11 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.

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