
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि नजफगढ़ के अयोग्य घोषित किए गए विधानसभा सदस्य कैलाश गहलोत को मुख्यमंत्री गैर कानूनी ढंग से सदन में बनाए रखना चाहते हैं, जो गैरकानूनी है.
गुप्ता ने कहा है कि सीएम केजरीवाल का ये कदम गैरकानूनी है और इस फैसले के खिलाफ बीजेपी नेता उपराज्यपाल, गृहमंत्री और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति से शिकायत करेंगे. विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि वो इस मामले को सोमवार 19 मार्च को सदन में फिर से उठाएंगे और जरूरत पड़ने पर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
विजेंद्र गुप्ता ने दिया नियम का हवाला
विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन अधिनियम, 1991 के नियम 43(2) का हवाला देते हुए बताया कि नियमावली में स्पष्ट लिखा है कि कोई मंत्री, जो लगातार 6 महीने की किसी अवधि तक विधानसभा का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा. नियमावली में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया सदस्य छह महीने तक मंत्री पद पर बना रह सकता है. सरकार इस मामले में पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से गहलोत को बनाए रखना चाहती है.
पिछली बार मार्शलों ने किया था बाहर
आपको बता दें कि सदन में कैलाश गहलोत की उपस्थिति पर 16 मार्च को भी विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के सामने आपत्ति जताई थी लेकिन उस वक्त मार्शलों को बुलाकर उन्हें सदन से बाहर करवा दिया गया था.