
रफ्तार हमेशा सभी को रोमांचित करती है. आप सभी ने ऐसी कारों के बारे में जरुर सुना होगा जिनकी स्पीड काफी तेज होती है. आज हम एक ऐसी कार के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पिछले कई सालों से सुर्खियों में रहने के बाद आखिरकार टेस्टिंग के लिए रनवे पर नजर आने वाली है. इस कार का नाम है ब्लड हाउंड सुपरसॉनिक कार. बनाने वालों का दावा है कि ये कार 1610 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी.
इस कार को ब्रिटिश इंजीनियरों ने तैयार किया है. इसे बनाने के लिए यूरोफाइटर-टायफून जेट इंजन का इस्तेमाल किया गया है. ब्लडहाउंड सुपरसॉनिक कार पहली बार 26 अक्टूबर को सड़क पर उतरेगी. दरअसल अगले साल दक्षिण अफ्रीका में स्पीड के मामले में सारे रिकॉर्ड्स को पीछे छोड़ने से पहले इसके मेकर्स इसकी टेस्टिंग करना चाहते हैं.
अभी मैक्जिमम स्पीड का रिकॉर्ड 1228 किमी. प्रति घंटा था, लेकिन ब्लडहाउंड से दो चरणों में 1247 किलोमीटर प्रति घंटा और 1609 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड तक जाने की उम्मीद की जा रही है. इसकी टेस्टिंग कॉर्नवाल में न्यूके एयरपोर्ट के रनवे पर थोड़ी धीमी रफ्तार में किया जाएगा. हालांकि न्यूके में जो ट्रॉयल किया जाएगा वो रिकॉर्ड के लिए नहीं होगा. चूंकि पूर्व वायुसैनिक अड्डे के रनवे की लंबाई महज 2,744 मीटर ही है ऐसे में कार अपनी मैक्जिमम स्पीड तक जा ही नहीं पाएगी.
विंग कमांडर एंडी ग्रीन के नाम दुनिया भर में सबसे तेज गति से कार चलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है. वही इस कार को 322 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाएंगे. टेस्टिंग के वक्त इस कार में केवल यूरोफ़ाइटर-टाइफून जेट इंजन का इस्तेमाल होगा. लेकिन जब इसे अगले साल साउथ अफ्रीका में कॉम्पिटिशन में उतारा जाएगा तब इसमें हाइब्रिड रॉकेट भी लगाए जाएंगे.
टेस्टिंग के दौरान इसमें इंग्लिश इलेक्ट्रीक लाइटनिंग फाइटर एयरक्राफ्ट की न्युमेटिक टायर वाले पहियों का इस्तेमाल किया जाएगा. इस कार की बॉडी पर HD कैमरे लगे होंगे. ये कार 8 साल की रिसर्च, डिजाइन और निर्माण का नतीजा है.